सेना के सम्मान में तपस्वी छावनी में हुआ विश्व विजय महायज्ञ

अयाेध्या। आचार्य पीठ तपस्वी छावनी में शनिवार को भारतीय सेना के सम्मान में विजयतेत राम विश्व विजय महायज्ञ का आयाेजन किया गया। यह महायज्ञ जगद्गुरु स्वामी परमहंस आचार्य के संयाेजन में सम्पन्न हुआ। महायज्ञ में साधु-संताें ने पूजन-अर्चन कर आहुतियां डाली। 
इस माैके पर स्वामी परमहंस ने कहा कि भारतीय सेना ने एलएसी बार्डर पर अपने पराक्रम का जाे प्रदर्शन किया है वह बहुत ही सराहनीय है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही है। हमारे जिस भू—भाग काे 1962 में चीन ने कब्जा कर लिया था उसकाे अभी हाल ही में भारतीय सेना ने वापस ले लिया है। इसलिए सेना के सम्मान में विजयतेत राम विश्व महायज्ञ का आज आयाेजन किया गया। 
उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है कि वह अपनी सेना के सम्मान में कुछ न कुछ पूजा-पाठ करे। उसके प्रति सम्मान जनक भाव रखें। सेना का सम्मान सेना के हाैसले काे बढ़ाएगा। इसी से ही राष्ट्र सुरक्षित है। यदि हम लाेग अपने कर्तव्याें का पालन और चैन की नींद सो रहे हैं ताे इसका सबसे अधिक श्रेय भारतीय सैनिकाें काे जाता है। जाे सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपने जान की बाजी लगाकर डटे हुए हैं। वैसे भी भारतीय सेना अपराजेय सेना है। यह अगर अपने पर आ जाए ताे दुनिया की काेई ताकत नहीं है जाे इसका मुकाबला कर सके। इसलिए सेना काे दैवीय शक्ति प्रदान करने के लिए महायज्ञ किया गया। 
उन्हाेंने कहा कि हमारी सेना चीन-पाकिस्तान काे मुंहताेड़ जवाब दे रही है। चीन और पाकिस्तान अपनी कायराना हरकताें से बाज नहीं आए ताे वह दिन भी दूर नहीं हाेगा जब भारतीय सेना दुनिया के नक्शे से उनकाे मिटाकर चीन-पाकिस्तान के भू-भाग पर तिरंगा लहरायेगी।

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