लखनऊ सहित पांच जनपदों में नवम्बर में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी दर

-दिल्ली के संक्रमण का असर रोकने को एनसीआर में बढ़ायी गई जांच संख्या
-प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में 2,588 नए मरीज मिले, 23,806 सक्रिय मामले
लखनऊ (हि.स.)। दिल्ली में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में अभी भी अन्य जनपदों की तुलना में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। 
अपर मुख्य सचिव, सूचना डॉ. नवनीत सहगल ने रविवार को बताया कि प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ तक दिल्ली के संक्रमण का असर देखने को मिल रहा है। इसलिए इन क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ा दी गई है और मेडिकल सुविधाओं को और ज्यादा मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि दिल्ली से जो संक्रमण है, उसका आसपास के जनपदों में ज्यादा असर नहीं पड़े। इसके मद्देनजर दिल्ली से आने जाने वाले लोगों की रैंडम टेस्टिंग भी कराई जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की प्रदेश में दाखिल होने से पहले ही पहचान की जा सके उसका अस्पताल में इलाज कराया जा सके।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने  बताया कि प्रदेश में पिछले चौबीस घंटे में 2,588 नए मामले सामने आए हैं। वर्तमान में 23,806 कोरोना के सक्रिय मामले हैं। प्रदेश में कोविड-19 रिकवरी दर 94.04 प्रतिशत है।
नवम्बर माह में पॉजिटिविटी दर 1.6 फीसदी चल रही है। जिन पांच जनपदों में इस महीने सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी दर देखी जा रही है, उनमें गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, लखनऊ और वाराणसी शामिल है। वहीं जिन पांच जनपदों में इस माह सबसे कम पॉजिटिविटी दर देखी जा रही है, उनमें अंबेडकरनगर, बलरामपुर, हाथरस, कानपुर देहात और श्रावस्ती शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कल एक दिन में कुल 1,75,128 सैम्पल की जांच की गयी। राज्य में अब तक कुल 1,79,85,811 सैम्पल की जांच की गयी है। वहीं कुल 4,95,415 कोविड-19 से ठीक होकर पूर्ण उपचारित हो चुके हैं। मार्च में संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक 7,559 लोगों की मौत हुई है।
वर्तमान में होम आइसोलेशन में 10,902 लोग हैं। वहीं निजी चिकित्सालयों में 2,353 लोग इलाज करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त बाकी मरीज एल-1, एल-2 तथा एल-3 के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। अब ​तक कुल 3,00,658 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना, जिनमें से 2,89,756 लोगों के इलाज का समय पूरा होने के बाद उन्हे डिस्चार्ज घोषित कर दिया गया है। 
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,61,396 क्षेत्रों में 4,60,990 टीम दिवस के माध्यम से 2,91,71,612 घरों के 14,27,79,340 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है।
उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी के माध्यम से चौबीस घंटे में 2,719 लोगों ने चिकित्सीय परामर्श लिया है। अब तक कुल 2,24,357 से अधिक लोग चिकित्सीय परामर्श ले चुके हैं।
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि अगर किसी भी व्यक्ति को कोरोना का कोई लक्षण महसूस होता है, तो वह नि:संकोच होकर अपनी जांच कराए। प्रदेश में एक विशेष सुविधा है कि जांच कराने वाला व्यक्ति घर बैठे परिणाम जान सकता है। उसे कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य महानिदेशक की वेबसाइट में जाने पर उसे जांच के दौरान दिया गया अपना मोबाइल नम्बर वहां अंकित करना होता है। इसके बाद उस नम्बर पर एक ओटीपी आती है। उस ओटीपी को दर्ज करने के साथ ही सम्बन्धित मोबाइल पर जांच का परिणाम आ जाता है। 
उन्होंने कहा कि सं​क्रमित होने पर व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहकर या कोविड चिकित्सालय में भर्ती होकर अपना इलाज करा सकता है।  चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से नि:शुल्क है, चाहे इसके लिए अस्पताल में कितनी ही महंगी दवा क्यों न मंगानी पड़े। उन्होंने कहा कि वहीं संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद भी अगर किसी तरह की समस्या आती है तो कोई भी व्यक्ति जिला अस्पतालों में पोस्ट कोविड केयर की व्यवस्था का लाभ उठा सकता है। 

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