राम मंदिर के लिए चंदे में मिले 15,000 चेक बाउंस, 22 करोड़ रुपये की थी रकम

राम मंदिर निर्माण के लिए दान में दिए गए 22 करोड़ रुपये के 15,000 चेक बाउंस हो गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र’ ट्रस्ट’ की ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। ऑडिट रिपोर्ट में ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया है कि संबंधित बैंक खातों में फंड की कमी या फिर ओवरराइटिंग और सिग्नेचर के मिसमैच होने जैसी खामियों के चलते ऐसा हुआ है। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा कि बैंकों से इस संबंध में बात की जा रही है और तकनीकी खामी वाले मामलों में उन्हें दूर कर रकम ट्रांसफर कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

मिश्रा ने कहा कि बैंकों की ओर से उन लोगों को अपनी खामी सुधारने का एक मौका दिया जाएगा, जिनकी ओर से जारी किए गए चेक बाउंस हुए हैं। ट्रस्ट को कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी ने कहा कि जो 15,000 चेक बाउंस हुए हैं, उनमें से 2,000 अयोध्या से ही कलेक्ट किए गए हैं। इसके अलावा अन्य 13,000 चेक देश के अन्य हिस्सों से आए हैं। स्वामी गोविंद देव गिरी ने कहा कि हम बाउंस हुए चेकों को वापस कर रहे हैं और डोनेट करने वाले लोगों से अपील है कि वह एक बार फिर से नया चेक जारी करें। हालांकि चेक बाउंस होने वाली यह संख्या काफी ज्यादा है।

विश्व हिंदू परिषद और उससे जुड़े अन्य संगठनों की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने का अभियान चलाया गया है। यह अभियान 15 जनवरी से 17 फरवरी  तक चला था। कहा जा रहा है कि इस अभियान के दौरान 2,500 करोड़ रुपये की डोनेशन हासिल हुई है। हालांकि ट्रस्ट की ओर से अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं दिया गया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे ज्यादा चंदा राजस्थान से 515 करोड़ रुपये का मिला है। विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय का कहना है कि करीब ढ़ाई एकड़ में केवल मंदिर बनेगा। 

मंदिर पर नहीं होगा बाढ़ का असर, जानें- कैसे बनेगा
इसके अलावा मंदिर के चारों ओर छह एकड़ में परकोटा बनेगा। बाढ़ के प्रभाव को रोकने के लिए रिटेनिंगवाल जमीन के अंदर दी जाएगी। तीन वर्ष में यह काम पूरा हो जाएगी, इस तैयारी से हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा ,‘पर्यावरण के लिए अनुकूल वातावरण खड़ा करने का हम सब प्रयास कर रहे हैं। मंदिर के परकोटे से बाहर शेष 64 एकड़ भूमि पर क्या बनें इस पर आर्किटेक्ट काम कर रहे हैं। अंदर का वातावरण सात्विक और प्राकृतिक बना रहे इसकी पूरी कोशिश है। अगस्त के महीने में 70 एकड़ भूमि का सर्वेक्षण जयपुर की एक कंपनी ने किया है।’

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