गोंडा : लेखपाल ने उच्चाधिकारियों को गुमराह कर अभिलेखों में की हेरा फेरी, जांच में हुआ खुलासा

आरोप सिद्ध होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, विभाग के कार्य प्रणाली पर लग रहे सवालिया निशान 
गोंडा (हि.स.)। लेखपाल ने राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर गांव के नवीन परती जमीन को आबादी में दर्ज कराकर उक्त भूमि गांव के ही एक व्यक्ति को आवासीय पट्टा दिए जाने की कार्यवाही शुरू कर दी। शिकायत के बाद एसडीएम ने नायब तहसीलदार से जांच कराई, तो लेखपाल के कारनामों की पोल खुली।
प्रकरण जनपद के मनकापुर तहसील के गांव बैरीपुर रामनाथ के मजरा विरतिया में नवीन परती की जमीन पर गांव के ही राजेश पुश्तैनी से टीन शेड रखकर गुजर बसर कर रहे हैं। उक्त गाटा संख्या 274 जो राजस्व अभिलेखों में नवीन परती के खाते में दर्ज थी। लेखपाल ने फर्जी रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को गुमराह करते हुए आबादी के खाते में दर्ज कराकर गांव के ही साधना पत्नी रविंद्र का मकान बना होना दर्शाकर आवासीय पट्टा देने की कार्यवाही शुरू कर दी। पीड़ित ने बताया जब उसे इस बात की जानकारी हुई। तो उसने उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर जांच कराए जाने की मांग की।
जिस पर एसडीएम ने नायब तहसीलदार से जांच कराई तो लेखपाल के कारनामे की पोल खुल गई। नायब तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि उक्त भूमि पर राजेश ने बांस बल्ली के सहारे टीन शेड रख लिया है। उस जमीन पर कोई स्थाई निर्माण नहीं है। लेखपाल द्वारा असत्य भ्रामक रिपोर्ट देकर आदेश कराया गया है। हालांकि रिपोर्ट आने के बाद एसडीएम ने अपने आदेश को निरस्त करते हुए पुनः उसे नवीन परती के खाते में दर्ज करने का आदेश दे दिया।
लेकिन हैरानी की बात यह है आरोप सिद्ध होने के बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा आरोपी लेखपाल पर कोई कार्यवाही नहीं की गई , जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय है। इस सम्बंध में एसडीएम हीरालाल ने सोमवार को बताया की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आदेश को निरस्त करते हुए पुनः नवीन परती के खाते में दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया गया। यह पूछे जाने पर जालसाजी में संलिप्त लेखपाल के ऊपर भी कोई कार्यवाई की गई है । तो उन्होंने बताया कि लेखपाल पर अलग से कार्यवाही की जाएगी । 

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