गुरू रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर में सेवाभाव का अद्भुत नजारा, पंडाल गुलजार

– मेला क्षेत्र में मिनी भारत का नजारा, गूंज रही अमृतवाणी, लंगर हाल में कतार

वाराणसी (हि.स.)। संत शिेरोमणि रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर में सेवाभाव का चहुंओर नजारा दिख रहा है। गुरू की 646वीं जयंती समारोह में भाग लेने के लिए रविदासिया धर्म के अनुयायी लगातार पहुंच रहे हैं।

पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, बिहार, उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं से पंडालों में रौनक दिखने लगी है। जन्मस्थली पर पंडाल और लंगर हाल में व्यवस्था में जुटे सेवादारों के साथ श्रद्धालु भी पूरा सहयोग कर रहे है। ट्रस्टी केएल सरोये के अनुसार लाखों लोगों के खाने का समुचित इंतजाम लंगर में किया गया है। लंगर और रसोई की व्यवस्था के लिए सेवादार लगे हुए हैं।

श्रद्धालुओं के चलते पूरे मेला क्षेत्र में मिनी भारत सा नजारा है। अमृतवाणी का पाठ गूंजने लगा है। सुबह शाम महिलाओं के जत्थे अपने-अपने शिविर में संकीर्तन कर रही है। मंदिर ट्रस्ट ने भीड़भाड़ को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में 24 और पंडालों के मुख्य मार्गों और उसके चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगवाये है। सीसीटीवी कैमरे का कंट्रोल रूम रविदास मंदिर और पंडाल क्षेत्र में पुलिस कंट्रोल रूम में बनाया गया है। मंदिर के आसपास के इलाकों में मेले जैसा नजारा है। सड़क के दोनों ओर अस्थाई दुकानें सजने लगी है। श्रद्धालु महिलाएं चूड़ी, बिंदी से लेकर साड़ियों व अन्य घरेलू सामानों की खरीदारी भी कर रही है।

जयंती की पूर्व संन्ध्या पर शनिवार शाम रविदास पार्क में दीप प्रज्ज्वलन

संत रविदास की जयंती के पूर्व संन्ध्या पर शनिवार शाम रविदास पार्क में दीप प्रज्ज्वलन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। श्री गुरु रविदास जन्मस्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शनिवार को ही सच्चाखंड बल्ला धाम के गद्दीनशीन संत निरंजन दास पंडाल क्षेत्र मेला क्षेत्र सत्संग हॉल का भ्रमण कर संगत को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। पांच फरवरी रविवार को स्वर्ण पालकी में विराजमान संत गुरु रविदास का पारंपरिक पूजन-अर्चन होगा। संत निरंजन दास अमृतवाणी ग्रन्थ का पाठ कर मंदिर के पास स्थायी रुप से लगाये गये रविदासी पताका ‘हरि’ निशान साहब को फहराकर जयंती का शुरूआत करेंगे। शाम को शहर के विभिन्न इलाकों से निकली झांकियां दोपहर में मैदागिन में एकत्र होकर जुलूस की शक्ल में सीर गोवर्धन पहुंचेगी।

श्रीधर

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