उप्र परिवहन निगम कार्यालय के सामने बनायी जा सकी आधी सड़क

लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम लिमिटेड के मुख्य कार्यालय के सामने से जा रही सड़क पर बीते एक माह पूर्व से विद्युतीकरण का कार्य चलने के कारण लोक निर्माण विभाग एक ओर की आधी ही सड़क बना सका है। इससे आने-जाने वाले हजारों लोगों को कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। कार्य की गति धीमी होने के कारण सड़क के बांयी ओर मरम्मत के लिए पिच नहीं बनाया जा सका है।

किंग जार्ज मेडिकल कालेज व इमामबाड़ा की ओर से परिवर्तन चौक की तरफ आने वाली मुख्य सड़क पर ही परिवहन विभाग के दो मुख्य कार्यालय स्थित हैं। उप्र परिवहन निगम का भी मुख्य कार्यालय इसमें शामिल है। परिवहन निगम के मुख्य कार्यालय के सामने सड़कें बहुत खराब थी और इसे 15 नवम्बर से पहले तक लोक निर्माण विभाग के अभियान में बनाने का लक्ष्य आधा ही पूरा किया जा सका। 25 अक्टूबर के करीब बने आधी सड़क को बनाया गया, वहीं आधी सड़क विद्युतीकरण (केबिल तार बिछाने) के नाम पर रोक दिया गया।

आज-कल परिवहन निगम के सामने विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसे 15 दिसम्बर तक पूरा किये जाने का दावा किया जा रहा है। वहीं लोक निर्माण विभाग के गड्ढ़ामुक्त सड़क अभियान की तिथि को 30 नवम्बर तक ही बढ़ाया गया है। दोनों ही स्थिति में आधी सड़क बनाने में अभी 15 से 20 दिनों की अवधि बाकी है, तब तक हजारों लोगों को रोजाना ही कठनाईयाें का सामना करना पड़ेगा।

उप्र परिवहन निगम में कार्यरत कर्मचारी अनिल ने बताया कि वह प्रतिदिन मुख्य कार्यालय के सामने से आते-जाते हैं। सड़क की मरम्मत किये गये हिस्से पर पिच बिछाने के बाद सड़क ऊंची हो गयी है। आधी सड़क ऊंची है तो आधी नीची है, जिस ओर नीची सड़क है उधर ही विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है।

उन्होंने बताया कि इससे परिवहन निगम के कर्मचारियों को तो कठनाई होती ही है, आने-जाने लोगों को भी रोजाना ही दिक्कतें हो रही हैं। ये समस्या सामान्य रुप से बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से अपील है कि शीघ्र सड़क को पूर्ण निर्माण पिच कार्य कराये। जिससे लोगों को समस्या ना झेलनी पड़े।

नगर निगम में कार्यरत कर्मचारी बाबू लाल ने कहा कि नगर निगम की ओर से रोजाना ही सड़क पर झाड़ू लगाने का कार्य होता है। विद्युतीकरण के कारण सड़क के एक हिस्से में झाड़ू नहीं लगा पा रहे हैं। विद्यतीकरण की गति बेहद धीमी है। ये कार्य नवम्बर माह के पहले सप्ताह में पूरा किया जाना बताया गया था, जो अभी तक चल रहा है।

शरद

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