इलाज में लापरवाही पर अधिवक्ता को 15 लाख मुआवजा भुगतान का निर्देश

प्रयागराज (हि.स.)। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग लखनऊ ने जीवन ज्योति हास्पिटल, बाई का बाग, प्रयागराज की निदेशक डॉ. वंदना बंसल को राहत देने से इंकार कर दिया है और मरीज की सेप्टीसीमिया व आंत में घाव से मौत के लिए इलाज में लापरवाही बरतने का दोषी करार दिया है। आयोग ने कहा है कि जीवन ज्योति हास्पिटल ने इलाज में चूक की है। 

आयोग ने उपभोक्ता फोरम प्रयागराज द्वारा मुआवजे के तौर पर साढे़ 15 लाख रूपया मृतका श्रीमती अमिता सिंह के पति अधिवक्ता चंदन सिंह को देने के आदेश को सही माना है। आयोग ने डॉ. वंदना बंसल को निर्देश दिया है कि 10 हजार खर्च एवं 9 फीसदी वार्षिक व्याज के साथ साढे़ 15 लाख के मुआवजे का भुगतान मृतका के पति अधिवक्ता को करे। 
यह आदेश न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान अध्यक्ष व विकास सक्सेना सदस्य ने वंदना बंसल व अन्य की फोरम के फैसले के खिलाफ दाखिल अपील को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने हास्पीटल को छूट दी है कि वह ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा दावा कर सकता है। 
मालूम हो कि अधिवक्ता चंदन सिंह की पत्नी अमिता सिंह माहवारी दिक्कत पर अस्पताल गयी। जहां बताया गया कि बच्चेदानी में गांठ है। लेप्रोस्कोपी से तुरंत आपरेशन जरूरी है। दो दिन में घर जा सकेंगे। फीस जमा हुई और डॉ. बंसल ने 23 मई 13 को गुरू गोविन्द सिंह मेमोरियल वंदना वूमेन हास्पीटल में  आपरेशन किया। दो दिन बाद पेट फूलने लगा और दर्द शुरू हुआ तो जीवन ज्योति हास्पिटल मे शिफ्ट किया गया। सारी जांच करायी। चेस्ट इन्फेक्शन बताया गया। 16 जून को डिस्चार्ज कर दिया गया। घर आते ही फिर तकलीफ हुई तो शकुन्तला हास्पिटल ले गये। डॉ. अनुपम जायसवाल ने बताया कि इलाज मे लापरवाही से आंत में घाव है। आपरेशन किया गया और 28 जून 13 को दुबारा जीवन ज्योति हास्पिटल भर्ती कराया गया। टांके खोलकर बताया गया कि  10 दिन में ठीक हो जायेगी। किन्तु 25 जुलाई 13 को मौत हो गयी। जिस पर चंदन सिंह व उनकी बेटी शालिनी सिंह ने उपभोक्ता फोरम में दावा किया। फोरम के मुआवजा देने के फैसले के खिलाफ डॉ. वंदना बंसल की अपील पर आयोग ने यह आदेश दिया है।

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