अमन हत्याकांड में फंसे नाबालिग बच्चों के अभिभावकों ने लगाई गुहार, हमारे बच्चे निर्दाेष, उन्हें छोड़ा जाए

बांदा (हि.स.)। जनपद के बहुचर्चित अमन हत्याकांड में फांसी फंसे सभी आठ नाबालिग आरोपियों के माता पिता ने शुक्रवार को जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर गुहार लगाई है कि हमारे बच्चों को राजनीतिक दबाव में फंसाया गया है जबकि घटना महज एक दुर्घटना थी। इस घटना में बच्चे निर्दाेष हैं पूरे मामले की जांच कराकर घटना में फाइनल रिपोर्ट लगाई जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि कुंवर सम्राट सिंह 11 अक्टूबर को जन्म दिन था, जन्म दिन की पार्टी में अमन त्रिपाठी पुत्र संजय त्रिपाठी शामिल था, यह सभी लोग केन नदी में स्नान करने गये थे जब यह लोग वहां पर नहाने लगे। बालू खदान होने के कारण वहां पर बड़े, बड़े गड्ढे थे और अमन त्रिपाठी पुत्र संजय त्रिपाठी गड्डे व पानी की भंवर में डूबने लगा तो सभी बच्चों ने बचाने का प्रयास किया लेकिन अमन त्रिपाठी को बचाने में कामयाब नहीं हुए वह पानी के भंवर में डूब गया। यह दुर्घटना मात्र एक हादसा थी। इस हादसे में हमारे बच्चों का किसी प्रकार का कोई दोष नहीं है। सभी बच्चे नाबालिग तथा अध्ययनरत छात्र हैं कक्षा 10 व 11 के विद्यार्थी है तथा निर्दाेष है। हमारे बच्चों की अमन त्रिपाठी से कोई रजिश नहीं थी, सभी बच्चे आपस में मित्र हैं।

सभी बच्चे दुर्घटना से भयभीत हो जाने के कारण सामान फेक कर वहां से चले आये और भय व अज्ञानता के कारण इस घटना के बारे में अपने अपने परिजनों को बता नहीं सके। पूंछतांछ के नाम पर लगातार एसपी बांदा की जांच आईजी द्वारा गठित एसआईटी टीम की जांच में सभी बच्चे पूर्णतया निर्दाेष पाये गये। इनसे सन्तुष्ट न होकर वादी ने पुलिस महानिरीक्षक बांदा से जांच हमीरपुर क्राइम ब्रांच को स्थानान्तरित करवा ली। हमीरपुर क्राइम ब्रांच ने सभी बच्चों के पुनः बयान और घटना स्थल का पुनः मुआयना किया उसमें भी सभी बच्चे निर्दाेष पाये गये, लेकिन सदर विधायक बांदा ने अपर प्रमुख सचिव गृह से दबाव डलवाकर 24 नवम्बर को करीब 1.30 बजे रात्रि में पूछतांछ के बहाने घर से बच्चों को पुलिस ले गयी और पुलिस ने दबाव में आकर प्रातः सभी निर्दाेष नाबालिग बच्चों का चालान कर दिया।जिससे सभी नाबालिग बच्चों का पूरा भविष्य बर्बाद हो गया।

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