घर पर कितना कैश और गोल्ड रख सकते हैं?
नालेज डेस्क
सरकारी एजेंसियों की पिछले दिनों बंगाल, महाराष्ट्र आदि कई स्थानों पर की गई छापेमारी से लोगों के मन में एक सवाल खड़ा किया है कि आखिर हम अपने घर में कितना कैश और सोना रख सकते हैं? आज हम आपको इस बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। कोई भी आम व्यक्ति जितना चाहे अपने घर में पैसा रख सकता है, लेकिन इन पैसों का सोर्स पक्का पता होना जरूरी है। मान लीजिए कि आपके घर में पांच करोड़ रुपए रखा है और जांच एजेंसी आपके घर में छापेमारी करती है। ऐसे में आपको अपनी आय और उससे जुड़े सबूत दिखाने होते हैं। अगर जांच में आपके घर से बरामद पैसे का आप हिसाब नहीं दे पाते हैं तो आपको 137 फीसद तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा 26 मई 2022 से देश में लागू होने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी सीबीडीटी के नए नियम मुताबिक एक साल के अंदर कोई व्यक्ति कैश में 20 लाख रुपए से ज्यादा लेन-देन भी नहीं कर सकता है। इसी प्रकार से घर में सोना रखने का भी मामला है। आप जितना चाहें, उतना सोना अपने घर में रख सकते हैं। बस ध्यान रखने वाली बात इतनी है कि आपका सोना पक्का हो। यहां पक्के का मतलब यह है कि आपके अधिकार क्षेत्र (घर या बैंक लाकर आदि) में रखे सोने का प्रूफ यानी सबूत होना जरूरी है। जांच एजेंसी आपके घर से ज्यादा मात्रा में सोना जब्त करती है तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 132 तहत आईटी अधिकारियों के पास अधिकार है कि वह उसके सोर्स के बारे में जानकारी मांग सकते हैं। इसके तहत मुख्यतः तीन में से किसी भी तरह के कागजात दिखाने होते हैं :
पहला : आपने सोना खरीदा है तो आपको इससे जुड़े कागजात दिखाने होते हैं।
दूसरा : परिवार से सोना मिला है तो फैमली सेटलमेंट से जुड़े कागजात दिखाने होते हैं।
तीसरा : आपको गिफ्ट में सोना मिला है तो इससे जुड़े गिफ्ट डीड दिखाने होते हैं।
आजादी के बाद देश में कोई व्यक्ति अपने पास कितनी मात्रा में सोना रख सकता है, इसके लिए गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1968 बनाया गया था। घर में तय मात्रा से ज्यादा सोना रखने पर इस कानून के जरिए नियंत्रण किया जाता था। लेकिन 1990 के बाद इस कानून को खत्म कर दिया गया और लोगों को वैलिड सोर्स बताकर अनलिमिटेड सोना रखने का अधिकार मिल गया है।
बिना कागज के घर में कितना सोना रख सकते?
भारतीय समाज में शादी-ब्याह से लेकर हर तरह के पर्व-त्योहार में सोना खरीदने की परंपरा है। ऐसे में सरकार ने कागज या प्रूफ नहीं होने पर भी तय मात्रा में घर में सोना रखने की छूट दी है। आइए जानते हैं कि सरकारी नियम के तहत कितना सोना रख सकते हैं। विवाहित महिला 500 ग्राम तक सोना रख सकती है। अविवाहित महिला 250 ग्राम तक सोना रख सकती है। विवाहित पुरुष 100 ग्राम तक सोना रख सकते हैं। अविवाहित पुरुष 100 ग्राम तक सोना अपने पास रख सकते हैं अर्थात एक परिवार में यदि पति-पत्नी, एक अविवाहित बेटा और एक अविवाहित बेटी है तो वह परिवार 950 ग्राम सोना बिना किसी कागजात के अपने घर में रख सकता है।
अवैध पैसा या सोना मिलने पर एजेंसियां क्या कार्रवाई करती हैं?
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील विराग गुप्ता का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, कस्टम डिपार्टमेंट और ईडी तीनों जांच एजेंसियों को अवैध, बेनामी या गैरकानूनी सोना, संपत्ति या पैसे को अलग-अलग कानून के तहत जब्त करने का अधिकार है। अगर ईडी की बात करें तो उसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 यानी पीएमएलए 2002 के तहत अवैध या बेनामी संपत्ति जब्त करने का अधिकार है। कस्टम डिपार्टमेंट का मामला है तो कस्टम एक्ट के तहत तस्करी से अर्जित धन या संपत्ति जब्त करने का हक है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट है तो उसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है। सबसे पहले जब्त की गई नगदी या सोने आदि का पंचनामा बनाया जाता है। पंचनामे में इस बात का जिक्र होता है कि कुल कितने पैसे बरामद हुए, कितनी गड्डियां हैं, कितने 200, 500 और अन्य नोट हैं। जब्त किए गए कैश में अगर नोट पर किसी तरह के निशान हो या कुछ लिखा हो या लिफाफे में हो तो उसे जांच एजेंसी अपने पास जमा कर लेती है, जिससे इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। विराग कहते हैं कि जब्त की गई नगदी की यदि सबूत के तौर पर जरूरत नहीं हो तो सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के बाद उन पैसों को बैंक में जमा कर दिया जाता है। जांच एजेंसियां जब्त किए गए पैसों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार के खाते में जमा करा देती हैं। साक्ष्य के लिहाज से अहम पैसों को जांच एजेंसियां इंटरनल ऑर्डर से केस की सुनवाई पूरी होने तक अपनी सुपुर्दगी में रखती हैं। इसी तरह प्रूफ नहीं दिखा पाने पर जांच एजेंसी जो सोना जब्त करती है सबसे पहले उसका पंचनामा बनाया जाता है। इसके बाद इसे विभागीय कस्टडी या सरकारी मालखाने में जमा कराया जाता है।
हो सकती है 10 साल की जेल
पीएमएलए एक्ट 2002 को 2005 में पूरे देश में लागू किया गया था। इस कानून में अब तक तीन बार संशोधन किए गए हैं। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल से सात साल तक की सजा हो सकती है। यही नहीं इस कानून के तहत एजेंसियां आरोपियों की संपत्ति को कुर्क और जब्त कर सकती है। फेमा कानून के तहत दोषी पाए जाने पर कुछ मामलों में पांच साल तक सजा का प्रावधान है। इसके अलावा जितनी अवैध संपत्ति पाई जाती है उसका तीन गुना तक जुर्माना लग सकता है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत आय से ज्यादा संपत्ति जब्त किए जाने पर दोषियों को चार से 10 साल तक की सजा का प्रावधान भी है।
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