शेयर मार्केट में सेंसेक्स-निफ्टी में भारी दबाव, रुपया भी हुआ कमजोर
बिजनेस डेस्क
मुंबई। पश्चिम एशिया तनाव के बीच अमेरिकी बमबारी के बाद घरेलू शेयर बाजार प्रभावी गिरावट का सामना कर रहा है। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को शुरुआती कारोबार में पश्चिम एशिया तनाव की आशंका से 705.65 अंक टूटकर 81,702.52 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 182.85 अंक गिरकर 24,929.55 पर आ गया।
इस गिरावट की वजह अमेरिकी कार्रवाई को माना जा रहा है, जिसमें ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की गई थी। इस हमले के बाद पश्चिम एशिया तनाव एक बार फिर उभरने लगा और तेल आपूर्ति तथा वैश्विक आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ गई।
पश्चिम एशिया तनाव के बीच इन स्थितियों में मार्केट की भावना नकारात्मक बनी हुई है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा किजो संकट पैदा हुआ है वह अस्थायी हो सकता है, लेकिन पश्चिम एशिया तनाव तब भी बाजारों में घबराहट ला रहा है। उन्होंने होर्मुज जलडमरूमध्य के संभावित बंद होने को केवल एक अनुमान बताया, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
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यह पश्चिम एशिया तनाव निवेशकों में डर पैदा कर रहा है। एफआईआई की हालिया खरीदारी—7,940.70 करोड़ रुपये के शेयर इस गिरावट को कुछ हद तक रोक पाई, लेकिन बाजार अभी भी नकारात्मक सारी दिशा में बना हुआ है।
मुख्य रूप से प्रभावित कंपनियों की सूची में इंफोसिस, एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड जैसी कंपनियां शामिल हैं। पश्चिम एशिया तनाव के कारण टेक्नोलॉजी, एफएमसीजी और बैंकिंग सेक्टर में दबाव बना हुआ है।
वैश्विक स्तर पर भी पश्चिम एशिया तनाव का असर दिख रहा है। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया कोस्पी, जापान निक्केई और हांगकांग हैंग सेंग लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं शंघाई एसएसई कंपोजिट मामूली सुधार पर था। अमेरिकी फ्यूचर्स स्टॉक अमेरिकी बाजार की गिरावट को दर्शा रहे हैं। तेल की कीमतें ब्रेंट क्रूड 78.31 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं, जो पश्चिम एशिया तनाव की चिंता से प्रेरित है।
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पश्चिम एशिया तनाव के बीच रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दबाव में है। सोमवार को शुरुआत में रुपया 17 पैसे गिरकर 86.72 पर पहुंच गया, वहीं पिछले बंद पर यह 86.55 पर था। इंटरबैंक बाजार में पश्चिम एशिया तनाव की आशंका का असर दिखाई दे रहा है।
विशेष रूप से देखें तो शुक्रवार को एफआईआई ने खरीदारी की थी, लेकिन पश्चिम एशिया तनाव के कारण सोमवार बाजार का रुख नकारात्मक रहा। घरेलू इक्विटी बाजार की कमजोरी और डॉलर की मजबूती ने रुपया दबाव में ला दिया।
पश्चिम एशिया तनाव पर नजर बनी हुई है और निवेशक स्थिति को देखते हुए सुधार की उम्मीद लगाए बैठे हैं। लेकिन तेल की कीमतों में उछाल और जोखिम भरी ग्लोबल स्थिरता के बीच यह पश्चिम एशिया तनाव कल के कारोबार के लिए भी सकंलित संकेत पैदा कर रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर पश्चिम एशिया तनाव शांत नहीं होता है, तो सेंसेक्स, निफ्टी और मुद्रा दोनों पर दबाव बना रहेगा। चूंकि तेल ऊर्जा की कीमत और निवेशक भावना को संचालित करते हैं, इसलिए पश्चिम एशिया तनाव किसी भी शांत संकेत का इंतजार कर रहा है।
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