UP News : नोडल अफसरों की रिपोर्ट तय करेगी कई कप्तानों का भविष्य

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। कानपुर कांड में किरकिरी होने के बाद राज्य सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है। जिलों की असलियत जानने के लिए जो नोडल अफसर तैनात किए गए हैं, उनकी आख्या कप्तानों का रिपोर्ट कार्ड तय करेगी। नोडल अफसरों की रिपोर्ट के बाद कई जिलों के कप्तानों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
नोडल अफसरों को अपनी रिपोर्ट 22 जुलाई तक देनी है। जबकि कानपुर मामले में एसआईटी 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देगी। जहां एसआईटी की जांच सिर्फ विकास दुबे व उसके सहयोगियों व उनसे जुड़े पुलिसकर्मियों की भूमिका तक सीमित रहेगी, वहीं नोडल अफसर जिलों में तैनात थानेदारों तक की पूरी जानकारी अपनी रिपोर्ट में देंगे। नोडल अफसर यह भी पता लगाएंगे कि अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। कितने खराब छवि के पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। तैनाती को लेकर नियमों का पालन किया गया कि नहीं। नोडल अफसरों को यह भी जिम्मेदारी दी गई है वह जिलों के टॉप-10 अपराधी, नगर क्षेत्र के एक थाने के टॉप-10 एवं ग्रामीण क्षेत्र के एक थाने के टॉप -10 अपराधियों की सूची की समीक्षा करें।
जनपद के सक्रिय अपराधियों की सूची की समीक्षा करें और गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही में जब्त की गई संपत्ति के विवरण की समीक्षा करें। कानपुर की एसआईटी भी अन्य बिंदुओं के साथ गैंगस्टर विकास दुबे व उसके साथियों को लेकर कुछ ऐसे ही बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है। जानकारों का कहना है कानपुर मामले में जिले की पुलिस द्वारा विकास दुबे को लेकर की गई अनदेखी के बाद सरकार ऐसे कोई हालात पैदा नहीं होने देना चाहती है, जिससे उसकी स्थिति असहज हो। इसीलिए खराब छवि वाले पुलिस कर्मियों के साथ आपराधिक तत्वों के बारे में जमीनी हकीकत पता लगाने की कोशिश हो रही है।

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