UP News : धान खरीद सहित कई किसान मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

-किसानों के निजी नलकूप के बिजली की कीमत में बढ़ोतरी को तत्काल वापस ले सरकार- अजय लल्लू
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार को सभी जिला मुख्यालयों पर धान की खरीद न्यूनतन समर्थन मूल्य से कम दाम पर किये जाने के विरोध, गन्ना किसानों का बकाया 14 हजार करोड़ रुपये का अबिलम्ब भुगतान करने और निजी नलकूप के बिजली दामों में बढ़ोतरी को वापस लेने को लेकर व्यापक प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसान अपने धान को बेचने के लिए मारा-मारा फिर रहा है और सरकार उनकी तरफ आंख बंद कर के बैठी है। तमाम दावों के बाबजूद प्रदेश में अभी भी धान क्रय केंद्र नहीं खुल पाए है, जो थोड़े बहुत खुले है वहां पर धान किसानो के साथ नमी के नाम पर भारी कटौती कर उनका शोषण करने के साथ बिचैलियों के हाथों औने पौने दामों पर बेचने पर मजबूर किया जा रहा है। 
न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,886 रुपये प्रति कुन्तल की घोषणा करने वाली भाजपा सरकार किसानों को मात्र 1,100 से 1,200 प्रति कुन्तल की दर से खरीद रही है। इसके लिए नमी आदि अनेक कारणों से धान की गुणवत्ताहीन बताकर कटौती कर रही है। जिससे पहले से ही आर्थिक रूप से टूट चुके किसान बदहाली दशा में पहुंच गए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार ने अपने घोषणा में गन्ना किसानों से 14 दिन में पूर्ण भुगतान करने का वादा किया था और ऐसा न होने पर ब्याज सहित रकम अदा करने की घोषणा की थी। लेकिन, साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह वादा पूरा नहीं हुआ है। सरकार अपने वादे के मुताबिक गन्ना किसानों को तत्काल बकाया गन्ने का भुगतान सुनिश्चित कराये।
प्रदेश अध्यक्ष ने विगत माह में किसानों के निजी नलकूपों के बिजली की कीमतों में की गयी बढ़ोत्तरी का विरोध करते हुए बढ़ी हुई कीमतों को अविलम्ब वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि निजी नलकूपों की 5, 7.5 और 10 हार्स पावर के कनेक्शन की श्रेणी को समाप्त कर सभी नलकूपों को 12.5 हार्स पावर कनेक्शन की कीमत की अनिवार्यता आर्थिक रूप से तंगहाल किसानों पर बड़ा आर्थिक हमला है। 
आज धरना-प्रदर्शन में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में राज्यपाल को इन तीनों मांगों के अलावा स्थानीय समस्यायें और छुट्टा पशुओं द्वारा खड़ी फसल को नष्ट किये जाने की समस्या से सम्बन्धित ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से सौंपा गया। कृषि सम्बन्धी समस्याओं के लेकर धरना प्रदर्शन लखनऊ के अलावा कानपुर, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, हमीरपुर, ललितपुर, महोबा, चित्रकूट, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, फर्रुखाबाद, कासगंज, एटा आदि जिलों में आयोजित हुआ।

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