UP news : कुशीनगर एयरपोर्ट पर कम दृश्यता में भी उतरेंगे विमान, लग रहा डीबीओआर व आईएलएस

कुशीनगर(हि. स.)। इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर घने कोहरे, बारिश व अंधेरे के बीच भी विमान उतर सके इसके लिए डीबीओआर(डाप्लर बेरी ओमनी रेंज) व आईएलएस इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लगाने के लिए हाईटेक एक्सपर्ट टीम बुधवार को पहुंच गई। एयरपोर्ट पर यह सिस्टम लग जाने के बाद 550 मीटर दृश्यता में भी विमान लैंड कर सकेंगे। 
सिस्टम लगने के बाद डाइरेक्टर जनरल सिविल एविएशन(डीजीसीए) की टीम के आने की बात कही जा रही है। डीजीसीए उड़ान के लिए लाइसेंस जारी करेगा। जिसके बाद एयरलाइन कम्पनियां उड़ान के लिए आवेदन करेंगी। एयरपोर्ट पर उड़ान पूर्व की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। तैयारियों पर डीजीसीए की मुहर लगने के बाद व्यावसायिक विमानों की उड़ान कभी भी शुरू की जा सकेगी। 
टीम में मौसम विभाग के एक्सपर्ट भी शामिल थे। मौसम विभाग यहां सभी जरूरी उपकरण लगाएगा। जिससे एटीसी को मौसम की स्थिति, पूर्वानुमान आदि की जानकारी मिलती रहे। सिस्टम लगाने के लिए टीम ने जगह का सर्वे किया। 
 संयुक्त महाप्रबन्धक जगतार सिंह के नेतृत्व में आई टीम में उप महाप्रबन्धक मनजीत सिंह, सहायक महाप्रबन्धक अंकुर सिंह, मो.नसीम वरिष्ठ प्रबन्धक कम्युनिकेशन व नेविगेशन, मौसम वैज्ञानिक टी बी सिंह शामिल रहे। 
ऐसे काम करता है आईएलएस
 विशेषज्ञों के मुताबिक लैंडिंग करने वाले विमान के पायलट को आईएलएस की सहायता से 2360 फीट की ऊंचाई से ही सही जानकारी मिलने लगती है। बारिश में जब बादल नीचे रहते हैं और ठंड में कोहरे के कारण कम दृश्यता होती है, तब यह सिस्टम काफी कारगर रहता है। यदि यह सिस्टम नहीं रहे तो विमान को करीब 2000 फीट नीचे तक आना पड़ेगा। 
उप्र का सबसे बड़ा रनवे
कुशीनगर एयरपोर्ट के रनवे प्रदेश का सबसे बड़ा रनवे होने का गौरव प्राप्त है। इस एयरपोर्ट के रन वे की लंबाई 3.2 किमी है। जबकि बगल के गोरखपुर एयरपोर्ट के रन वे की लम्बाई 2.7 किमी है। लखनऊ के रन वे की लंबाई 2.6 किमी व प्रयागराज एयरपोर्ट की लंबाई 2.54 किमी है। 
संजय नारायण महाप्रबन्धक एयरपोर्ट ने बताया कि एयरपोर्ट पर कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। डीजीसीए कई स्तर पर मानक की जांच कर लाइसेंस जारी करता है। लाइसेंस मिलने के बाद सरकार घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय उड़ान शुरू करने पर निर्णय लेगी। 

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