UP News : कस्तूरबा की वार्डन व चार शिक्षिकाओं की सेवाएं समाप्त

प्रादेशिक डेस्क

एटा। बीएसए ने मंगलवार को कस्तूरबा स्कूलों में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वाली वार्डन और चार शिक्षिकाओं की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। साथ ही उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं, उन्होंने लेखा विभाग को इनके द्वारा अर्जित वेतन की रिकवरी करने के भी निर्देश दिए हैं।
शासन की सख्ती के बाद जनपद में टीईटी एवं अन्य फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वालों की पोल खुलने लगी है। जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में ऐसे ही पांच मामले सामने आए हैं। विभाग द्वारा कराई गई जांच में दो शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। वहीं वार्डन और दो अन्य शिक्षिकाओं के हाईस्कूल, इंटर और स्नातक प्रमाणपत्रों में हेराफेरी की पुष्टि हुई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने पांचों का मानदेय रोकते हुए नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। संतोषजनक जवाब न मिलने और विभागीय जांच में हुई पुष्टि के बाद तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त करते हुए इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिन महिला शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, उनमें पूजा पुत्री श्री प्रेम सिंह, निशा वर्मा पुत्री श्री चोखेलाल, वीना पुत्री श्री बलवीर सिंह, कुमारी पिंकी पुत्री श्री दीवान सिंह तथा तारा देवी पुत्री श्री राम अजोर (वार्डन) शामिल हैं। बीएसए संजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में संदिग्ध प्रमाणपत्रों के आधार पर वार्डन और चार शिक्षिकाओं के मानदेय रोककर नोटिस जारी किए गए थे। विभागीय जांच में फर्जी प्रमाणपत्रों की पुष्टि होने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। साथ ही उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। शीघ्र ही रिकवरी आदेश जारी किया जाएगा।

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