UP News : एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्रांच को बड़ी कामयाबी

बिहार से दिल्ली भेजे जा रहे 20 बच्चे मुक्त कराए गए

प्रादेशिक डेस्क

गोरखपुर। बिहार से दिल्ली भेजे जा रहे 20 बच्चों को जिला प्रशासन ने बचाया है। ये बच्चे बस के जरिए भेजे जा रहे थे। इन बच्चों के साथ मौजूद छह लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई प्रदेश बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता के निर्देश के बाद हुई। बताया जाता है कि उप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की बिहार इकाई के सदस्यों ने संदेश भेज बताया था कि बिहार के अररिया से बसों में नाबालिक बच्चे दिल्ली भेजे जा रहे हैं। इसके बाद आयोग हरकत में आ गया। अध्यक्ष ने डीएम के. विजयेन्द्र पाण्डियन व मानव सेवा संस्थान सेवा के निदेशक राजेश मणि को सूचना दी। इसके साथ ही डीएम से निर्देश मिलने के बाद जिला बाल संरक्षण आयोग, पुलिस, चाइल्ड लाइन भी हरकत में आ गई।
पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी एक्शन में आ गई। खोराबार क्षेत्र के जगदीशपुर पुलिस चौकी के पास पुलिस ने वाहनों की जांच शुरू की। इस दौरान बिहार से आ रही दो बसों में 20 बच्चे मिले। इन बच्चों के साथ माता-पिता नहीं थे। अभिभावक के तौर पर छह पुरुष इनके साथ थे। वे बच्चों को दिल्ली काम दिलाने का झांसा देकर ले जा रहे थे। पुलिस ने छह पुरुषों को हिरासत में ले लिया। बच्चों को चाइल्ड-लाइन और जिला बाल संरक्षण आयोग के सुपुर्द कर दिया गया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह ने बताया कि रेस्क्यू किए गए बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा महत्वपूर्ण थी। कोरोना काल चल रहा है। इसलिए बच्चों की सबसे पहले कोरोना जांच कराई गई। बच्चे निगेटिव मिले बच्चों को शेल्टर होम में रखा गया है। पकड़े गए छह लोगों के खिलाफ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों को बाल श्रम के लिए ही ले जाया जा रहा था। यह ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला है। बिहार के अररिया प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। वहां के अधिकारियों को बच्चों के नाम व पते की सूची भेज दी गई है। बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया जा रहा है। इसमें अररिया में मौजूद चाइल्ड लाइन, बाल संरक्षण इकाई प्रशासन की मदद कर रही है। रेस्क्यू किए गए बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंपा जाएगा।

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