UP News:टैम्पो पर चढ़ा ट्रॉला, चार की मौत, कई घायल

प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में थाना नारखी के फरिहा और कोटला मार्ग के बीच भूतेश्वर मंदिर के पास एक सीमेंट से भरा ट्रॉला आगे चल रहे टेंपो के ऊपर चढ़ गया। सवारियों से भरा टेंपो ट्रॉला के आगे के हिस्से में बुरी तरह फंस गया और 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कई लोग इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 10 बजे का है। कोटला की ओर से एक सवारियों से भरा टेंपो फरिहा से फिरोजाबाद की ओर जा रहा था। इसके पीछे एक सीमेंट की बोरियों से भरा ट्रॉला तेजी से आ रहा था। ओवरटेक के दौरान ट्रॉला अनियंत्रित हुआ और अपनी साइड में चल रहे टेंपो के ऊपर चढ़ गया। टेंपो का पूरा हिस्सा ट्रोला के आगे के हिस्से में फंसता गया और ट्रॉला सड़क से नीचे उतर गया। काफी मशक्कत के बाद जब क्रेन की मदद से ट्रोला के पिछले हिस्से को पलटा गया तब जाकर उसके अगले हिस्से को उचकाकर टेंपो को बाहर निकाला। एक बच्चे और महिला समेत 4 मृत हालत में निकले हैं। वहीं कई गंभीर घायल सवारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ लगातार राहत कार्य कराने में जुटी रही। अभी मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

मृत बच्चा निकाला, गंभीर घायल अस्पताल भेजा

ट्रॉला के नीचे फंसे टेंपो के अंदर से ग्रामीणों ने जैसे तैसे एक बालक को बाहर निकाला। वह मृत निकला है। उसको देखकर लोगों की चीखें निकल गईं। इसके अलावा एक युवक को खींचकर बाहर निकाला। उसकी सांसें चल रही थीं। उसको तत्काल मौके पर खड़ी एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया। हालातों की गंभीरता को देखते हुए एंबुलेंसें बुलवाई गई थीं। जैसे-जैसे घायल और मृत निकले तो उनको तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। ट्रॉला द्वारा टेंपो सवारों को रौंदने और टेंपो के उसके नीचे बुरी तरह फंसने पर आसपास के लोगों ने जान बचाने को मदद करनी शुरू की। लोगों द्वारा ट्रॉला के ऊपर चढकर उसके अंदर भरी सीमेंट की भारी बोरियों को फेंकना शुरू कर दिया। लोगों ने तेजी से दोनों ओर बोरियां फेंकीं ताकि ट्रॉला का वजन कम हो जाए और उसके नीचे फंसे सवारियों के टेंपो को बाहर निकाला जा सके। ट्रॉला के नीचे फंसे टेंपो में सवारियां चीख रही थीं। किसी की सांसें चल रही थीं तो कोई अपने हाथ पैर हिलाकर बता रहा था कि वह जिंदा है लेकिन सरकारी मदद ठीक से नहीं मिलने के कारण दो घंटे से घायल तड़प रहे हैं। टेंपो के अंदर कितनी सवारियां हैं, यह तक लोग पता नहीं लगा पा रहे थे। सीमेंट की बोरियों से भरे होने के चलते ट्रॉला भारी था। जब जेसीबी को लाया गया तो वह भारी होने के चलते ट्रॉला को नहीं हिला पाया। ट्रॉला को पलटने के बाद या उचकाने के बाद ही फंसे हुए टेंपो से सवारियों को निकाला जा सकता था। सरकारी मदद में देरी के चलते जिंदगियां सिसकती रहीं और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों, राहगीरों द्वारा अपने स्तर से मदद की कोशिशें जारी रहीं। पुलिस भी क्रेन नहीं आ पाने के चलते बेबस दिखाई दे रही थी।

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