Sport News: शूटिंग बाॅल खेल को स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर पर पहुंचाया जाएगा : अंजुल अग्रवाल

– शूटिंग बाॅल फेडरेशन ऑफ इंडिया का चेयरमैन से खास बातचीत 

गाजियाबाद (हि.स.)। अंजुल अग्रवाल को हाल ही में शूटिंग बाॅल फेडरेशन ऑफ इंडिया का चेयरमेन चुना गया है। देश भर से आए 65 प्रतिनिधियों में से उन्हें 60 प्रतिनिधियों ने अपना वोट दिया जिसके बाद उन्हें फेडरेशन का चेयरमैन घोषित किया गया। वह एचआरआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशनंस के वाइस चेयरमैन हैं। इसके अलावा ऑल इंडिया एजूकेशन एंपावरमेंट फेडरेशन के उपाध्यक्ष भी हैं।फेडरेशन के चेयरमैन चुने जाने के बाद शूटिंग बाॅल से जुडे़ खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों में एक नहीं उम्मीद जगी है और माना जा रहा है कि इस खेल को आगे बढ़ाने में वे मील का पत्थर साबित होंगे। बातचीत में अंजुल से उनकी कार्य योजनाओं को लेकर विस्तृत बाचतीत की। प्रस्तुत है उनकी की गई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश- 
सवाल : शूटिंग बाॅल खेल की स्थिति क्या है? अभी तक वह क्रेज नहीं है जो होना चाहिए।

 जवाब : यह बात सही है कि शूटिंग बाॅल का अभी तक इतना क्रेज देश में नहीं बन पाया है जितना होना चाहिए। हालांकि काफी संख्या में इस खेल को चाहने वाले हैं और इसे तवज्जो देते हैं। हालांकि पहले से इस खेल की स्थिति में काफी सुधार आया है और लोगों में लोकप्रिय हो रहा है।

 सवाल : इसका कारण क्या है? 

 जवाब : केवल शूटिंग बाॅल खेल ही नहीं अन्य खेल भी लोकप्रियता के मामले में उतने नहीं पहुंच सके हैं जितने के वे हकदार हैं। इसकी वजह यह है कि क्रिकेट व फुटबाल ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। आज स्थिति यह है कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में ज्यादातर  व्यक्ति क्रिकेट में ही रुचि रखते हैं जबकि इसके बाद फुटबाल आता है। लोगों की रुचि के कारण इन क्रिकेट व फुटबाल को स्पांसर्स भी खूब मिलते हैं और लोग इससे जुड़ते चले जाते हैं। बाकी खेलों की स्थिति देखें तो वे केवल औपचारिकता बनकर रह गए हैं।

 सवाल : शूटिंग बाॅल खेल को प्रोत्साहन देने के लिए आपके पास क्या योजना है?

 जवाब : देखिए शूटिंब बाॅल खेल को प्रोत्साहिन देने व और प्रभावी कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल कर खेल को इसके चरमोत्कर्ष पहुंचाना ही उनका लक्ष्य है। इसके लिए वह खेल को स्कूल लेबिल पर ले जाकर अपनी योजना की शुरूआत करेंगे। स्कूल लेबल पर छात्रों को सीधे इससे जोडे़ंगे और स्कूल, काॅलेज लेबिल पर प्रतियोगिताएं कराएंगे।  साथ ही उनका यह भी भ्रसक प्रयास रहेगा कि सरकारी विश्वविद्यालयों में इस खेल को पहचान मिले। वहां पढ़ने वाले छात्र इससे जुडे़ं। इस खेल को बाॅलीबाल से कंपेयर किया जाता है जबकि ऐसा नहीं है। शूटिंग बाॅल खेल की स्पीड व पावर काफी ज्यादा है। इस खेल में सफलता हासिल करने के लिए ज्यादा कंसनट्रेट करना पड़ता है।

 सवाल : क्रिकेट, फुटबाल या अन्य गलैमर वाले खेलाें से किस तरह इस खेल का आगे पहूंचाएंगे?

 जवाब : मेरा मानना है कि क्रिकेट, फुटबाल या हॉर्स राइडिंग जैसे खेल काफी ज्यादा महंगे हैं। जिस कारण लोग इन खेलों में रूचि रखते हैं लेकिन सीधे जुड़ नहीं पाते। उनका प्रयास होगा कि खेलों में रुचि रखने वाले छात्रों का रुख इस ओर मोड़ा जाए इसके लिए वह शूटिंग बाॅल के खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा करेंगे और उन्हें प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराएंगें। साथ ही देशभर में हर लेबल पर शूटिंग बाॅल प्रतियोगिताओं का आयोजन कराएंगे। मेरा प्रयास रहेगा कि अन्य खेलों की तरह शूटिंग बाॅल को भी मान सम्मान मिले।

सवाल : आप अपनी तरफ से कोई और जानकारी देना चाहे।

 जवाब : बिल्कुल, शूटिंग बाॅल के खेल प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी देना चाहता हूं कि मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्टस डिपार्टमेंट से शूटिंग बाॅल खेल को कोड जारी हो गया है। इस सबंध में लेटर आ चुका है। इसके बाद खुद उनका उत्साह और बढ़ गया है। अब वे अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभाएंगे और इस खेल को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोंड़ेंगे। 

error: Content is protected !!