Railway : ऑटोमेटिक सिग्नलिंग से रेल परिचालन सुगम

प्रयागराज (हि.स.)। यात्री ट्रेन लगातार दौड़ती रहे, उसे स्टेशन पर ना रुके रहना पड़े, कि आगे गई ट्रेन अभी अगले स्टेशन को पार नहीं की है। प्रयागराज मंडल के सिग्नल और दूरसंचार विभाग द्वारा प्रेमपुर-करबिगवां स्टेशनों के बीच 5.27 किलोमीटर लम्बे खंड पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग कमीशन किया गया है।
 जनसम्पर्क अधिकारी केशव त्रिपाठी ने बताया कि मंडल के सिग्नल और दूरसंचार विभाग द्वारा किये जा रहे सभी कार्योंं के दौरान सिग्नलिंग उपकरणों का आधुनिकीकरण भी साथ-साथ किया जा रहा है। पारम्परिक ट्रैक सर्किट के जगह ऑडियो फ्रीक्वेन्सी ट्रैक सर्किट लगाया गया है। पावर सप्लाई के निर्बाध आपूर्ति के लिए इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई सिस्टम लगाया गया है। 
कुहरा अथवा धुंध की स्थिति में ट्रेन के सुरक्षित परिचालन के लिए अप एवं डाउन लाइन में एक-एक मॉडिफाइड सिग्नल लगाए गए हैं। सिग्नलिंग उपकरणों की विफलता की स्थिति में कारणों का पता लगाने में अधिक समय न लगे तथा मानव श्रम की भी बचत हो। इसके लिए सिग्नलिंग उपकरणों के डाटा को एनालिसिस करने के लिए डेटालॉगर स्थापित किया गया है। सिग्नलिंग उपकरण आपस में विभिन्न केबल के माध्यम से जुड़ा होता है। इन केबल के इंसुलेशन को समय समय पर जांचना होता है। 
श्री त्रिपाठी ने बताया कि प्रयागराज मंडल में ट्रेन परिचालन के हिसाब से अत्यंत व्यस्त होने के कारण केबल इंसुलेशन के टेस्टिंग के लिए प्रयाप्त ब्लॉक नहीं मिल पाता है। जिसका सीधा असर सिग्नलिंग उपकरणों के कार्य क्षमता पर पड़ता है। इससे निपटने के लिए अर्थ लीकेज डिटेक्टर लगाया गया है जो सभी केबल कोर के इंसुलेशन की निगरानी करने के साथ-साथ सचेत भी करता है। इस कार्य से इस खंड की ट्रेन क्षमता बढ़ गई है।

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