राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार 2025 समारोह

पद्म पुरस्कार से सम्मानित की गईं 71 हस्तियां

हृदय नारायण दीक्षित व क्रिकेटर आर. अश्विन को मिला पद्म पुरस्कार

सुशील मोदी, पंकज उधास, शारदा सिन्हा समेत 13 हस्तियां मरणोपरांत पद्म पुरस्कार के लिए चयनित

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा प्रदत्त पद्म पुरस्कार इस वर्ष भी प्रेरणादायक और भावुक कर देने वाले पल लेकर आए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2025 के पद्म पुरस्कार प्रदान किए। पहले समारोह में 71 विशिष्ट व्यक्तित्वों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से नवाजा गया। यह सम्मान समारोह ना केवल जीवित विभूतियों बल्कि कई मरणोपरांत हस्तियों की स्मृति को भी सम्मानित करने वाला रहा।

चार हस्तियों को पद्म विभूषण, दस को पद्म भूषण और 57 को पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया। कुछ शेष पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को आगामी समारोह में सम्मानित किया जाएगा। कला, साहित्य, शिक्षा, खेल और चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को पद्म पुरस्कार देकर राष्ट्र ने उनकी सेवाओं को नमन किया।

कला और खेल में गूंजा भारतीय प्रतिभा का परचम
इस वर्ष के पद्म पुरस्कार विजेताओं में दक्षिण भारतीय अभिनेता अजीत कुमार और फिल्म निर्देशक शेखर कपूर को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण दिया गया, जिसे उनकी पत्नी फरीदा ने ग्रहण किया।
क्रिकेटर आर अश्विन को खेल में योगदान के लिए पद्मश्री और हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश को पद्म भूषण प्रदान किया गया। चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली कुवैत की योग शिक्षिका शेखा अली अल-जबर अल-सबा को भी पद्मश्री से नवाजा गया। पद्म पुरस्कार विजेताओं में कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी शामिल रहीं, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ाया।

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गुमनाम नायकों को भी मिला अद्भुत सम्मान
इस बार के पद्म पुरस्कार की सूची में 30 गुमनाम नायकों को भी शामिल किया गया है। इनमें 100 वर्षीय गोवा स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई का नाम प्रमुख रहा, जिन्होंने पुर्तगाली शासन के खिलाफ भूमिगत रेडियो स्टेशन वोज दा लिबरडेबे की स्थापना की थी। डॉ. विजयलक्ष्मी देशमाने को कैंसर उपचार के क्षेत्र में योगदान के लिए राष्ट्रपति मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। पैरा एथलेटिक्स कोच डॉ. सत्यपाल सिंह को भी खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मश्री दिया गया।

राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार 2025 समारोह
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 71 हस्तियों को पद्म पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया

जीवन के अंतिम पड़ाव पर मिला अपूरणीय सम्मान
इस बार 13 मरणोपरांत पद्म पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इनमें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का नाम प्रमुख रहा, जिन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी जेसी मोदी ने पुरस्कार ग्रहण किया। सुजुकी मोटर के पूर्व सीईओ ओसामु सुजुकी को व्यापार और उद्योग में योगदान के लिए मरणोपरांत पद्म विभूषण प्रदान किया गया। मलयालम लेखक व फिल्म निर्देशक एमटी वासुदेवन नायर को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा गया।

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शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भी बिछाई सफलता की बुनियाद
उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। अमेरिकी लेखक और शोधकर्ता स्टीफन नैप को वैदिक संस्कृति पर लेखन के लिए राष्ट्रपति मुर्मू ने पद्मश्री प्रदान किया। वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को भी उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए शुभ मुहूर्त तय किए थे।

कला के क्षेत्र में फिर चमकी भारतीय प्रतिभा
96 वर्षीय कठपुतली कलाकार भीमाव्वा डोड्डाबलप्पा शिलेक्याथारा को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति ने पद्मश्री प्रदान किया। सिंगर जसपिंदर नरूला को भी संगीत में अद्वितीय योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया। आंध्र प्रदेश के विधायक और अभिनेता नंदमुरी बालकृष्ण को कला क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म भूषण मिला। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य और उद्योगपति पवन कुमार गोयनका को भी सम्मानित किया गया।

पद्म पुरस्कार 2025 सम्मान समारोह
राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में उपस्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य

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पद्म पुरस्कार से उभरी भारत की विविधता और समर्पण की अनकही कहानी
इस वर्ष के पद्म पुरस्कार समारोह ने दिखा दिया कि चाहे कला हो, साहित्य हो, चिकित्सा हो या खेल – हर क्षेत्र में भारत ने अनमोल रत्नों को जन्म दिया है। गुमनाम से गुमनाम व्यक्ति भी जब समर्पण से कार्य करता है, तो राष्ट्र उसे नमन करता है। पद्म पुरस्कार केवल पुरस्कार नहीं, बल्कि भारत की विविधता, संस्कृति और जिजीविषा का उत्सव है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सादगी भरे प्रेरक अंदाज ने समारोह को और भी गरिमामय बना दिया। देश एक बार फिर इन विभूतियों के समर्पण को प्रणाम कर रहा है।

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