NGT ने तेलंगाना सरकार पर लगाया 3800 करोड़ का जुर्माना

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अपशिष्ट प्रबंधन करने में विफल रहने पर तेलंगाना सरकार पर 3800 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि दक्षिणी राज्य में ठोस और द्रव अपशिष्ट के प्रबंधन में बहुत फासला है। जस्टिस गोयल, जस्टिस अरूण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्यों ए. सेंथिल वेल एवं अफरोज अहमद की पीठ ने कहा कि अतीत के उल्लंघनों को लेकर राज्य की जवाबदेही ’जो प्रदूषण फैलाएगा, वो भरपाई करेगा’ सिद्धांत से तय होगी और क्षतिपूर्ति राशि का उपयोग पर्यावरण को बहाल करने के लिए किया जाएगा। पीठ ने कहा कि स्वच्छ हवा, पानी, स्वच्छता एवं स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करना सुशासन के लिए शीर्ष प्राथमिकता हो तथा राज्य प्रदूषणमुक्त पर्यावरण प्रदान करने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। पीठ ने कहा कि तेलंगाना द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि का आकलन करने पर यह सामने आया कि द्रव या जलमल प्रबंधन में अंतर की राशि 3,648 करोड़ रुपए है। वहीं वैज्ञानिक ढंग से ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन में राज्य की विफलता के लिए क्षतिपूर्ति राशि 177 करोड़ रुपए की है। पीठ ने कहा कि कुल क्षतिपूर्ति राशि 3,825 करोड़ रुपये या 3800 करोड़ रुपए होती है जिसे दो महीने में तेलंगाना सरकार जमा करेगी एवं उसका उपयोग पर्यावरण को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए मुख्य सचिव के निर्देशानुसार किया जाए।

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