Friday, December 12, 2025
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ग्राम चौपाल 3.0 : गोंडा में जवाबदेही की नई क्रांति

गोंडा प्रशासन ग्राम चौपाल को बना रहा है बदलाव का मंच

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। ग्राम चौपाल 3.0 को और प्रभावशाली बनाने के लिए गोंडा प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि ग्राम चौपाल 3.0 को पूर्ण जवाबदेही और सजगता के साथ आयोजित किया जाए। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत करने और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकता है।

ग्राम चौपाल 3.0ः क्यों है जरूरी?
ग्राम चौपाल 3.0 शासन की जमीनी प्राथमिकताओं का मंच है। यह केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच सीधे संवाद का पुल है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि ग्राम चौपाल 3.0 को और परिणामोन्मुख बनाने के लिए सभी अधिकारियों को जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने हाल की चौपालों की समीक्षा के दौरान पाया कि कुछ विभागों में तैयारियों में शिथिलता बरती गई, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ग्राम चौपाल 3.0 का उद्देश्य ग्रामीण जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाना है। इस मंच के जरिए न केवल शिकायतें सुनी जाती हैं, बल्कि उनका निस्तारण भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है।

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जिलाधिकारी के सख्त निर्देश : जवाबदेही होगी तय
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया कि ग्राम चौपाल 3.0 के आयोजन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिएः
केस-टू-केस समीक्षाः प्रत्येक ग्राम चौपाल से पहले उपजिलाधिकारी और तहसीलदारों को प्रकरणों की गहन समीक्षा करनी होगी। किसी भी स्तर पर ढिलाई की स्थिति में जवाबदेही तय की जाएगी।
योजनाओं से वंचितों को प्राथमिकताः खंड विकास अधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि पात्र परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। इसके लिए चिन्हीकरण और आवेदन प्रक्रिया को त्वरित गति से पूरा किया जाएगा।
नोडल अधिकारियों की भूमिकाः नोडल अधिकारी ग्राम भ्रमण के दौरान आदेशों के पालन की समीक्षा करेंगे। किसी भी कर्मचारी द्वारा निर्देशों की अवहेलना पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि ग्राम चौपाल 3.0 अब केवल एक मंच नहीं, बल्कि शासन की प्राथमिकता है। इसमें सक्रिय सहभागिता और समाधान-प्रधान कार्यशैली अनिवार्य है।

ग्राम चौपाल 3.0ः जनता के लिए एक नई उम्मीद
ग्राम चौपाल 3.0 का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं को और सुलभ बनाना है। इस मंच के जरिए ग्रामीण अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें और जनसमस्याओं का समाधान दायित्वबोध के साथ करें। ग्राम चौपाल 3.0 के प्रभावी होने से न केवल ग्रामीणों का प्रशासन पर भरोसा बढ़ेगा, बल्कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। यह पहल ग्रामीण विकास और जवाबदेही को नई दिशा दे सकती है।

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क्या होगा भविष्य में?
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया कि ग्राम चौपाल 3.0 को और सशक्त बनाने के लिए नियमित समीक्षा और फॉलो-अप किया जाएगा। प्रत्येक चौपाल के बाद प्रकरणों के निस्तारण की प्रगति पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा, नोडल अधिकारियों की रिपोर्टिंग के आधार पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। ग्राम चौपाल 3.0 के इस नए स्वरूप से गोंडा जिले में प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता को नया आयाम मिलने की उम्मीद है। यह मंच न केवल जनता की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाएगा, बल्कि ग्रामीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

डीएम की प्रतिबद्धता का जिले को मिलेगा लाभ
ग्राम चौपाल 3.0 गोंडा जिले में प्रशासन और जनता के बीच एक मजबूत कड़ी बनने की ओर अग्रसर है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की सख्ती और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता इस मंच को और प्रभावी बनाएगी। ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित समाधान और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना इस पहल का मुख्य लक्ष्य है। यह नया कदम निश्चित रूप से गोंडा में बदलाव की एक नई लहर लाएगा।

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