Gonda News : विकट बाढ़ की करुण कहानी नदियों का संन्यास लिखा है…

भिखारीपुर-सकरौर तटबंध कटा, गांवों में फैलने लगा पानी

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उचित समय पर समुचित कार्रवाई न किए जाने के कारण अन्ततः गुरुवार को सायंकाल भिखारीपुर सकरौर तटबंध कट गया। इस तटबंध के कटने के बाद आसपास के मजरों में बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो गया है। इससे एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। हालांकि अमूमन प्रति वर्ष कटने वाले इस बंधे के एक बार फिर कट जाने के बावजूद प्रशासन बहुत गंभीर नहीं है। जिलाधिकारी ने बताया कि तटबंध कटने से 42 परिवारों के 162 लोगों के प्रभावित होने की उम्मीद है। प्रशासन उनकी हर स्तर से समुचित व्यवस्था के लिए तैयार है।
आज यह खबर लिखते हुए जनवादी कवि अदम गोण्डवी की बाढ़ को लेकर लिखी गई पंक्तियां अचानक याद आ गईं। उन्होंने लिखा था, ‘विकट बाढ़ की करुण कहानी नदियों का संन्यास लिखा है। बूढ़े बरगद के वल्कल पर सदियों का इतिहास लिखा है। क्रूर नियति ने इसकी किस्मत से कैसा खिलवाड़ किया है। मन के पृष्ठों पर शाकुंतल अधरों पर संत्रास लिखा है।’ इसके साथ ही इस सम्बंध में उनकी एक अन्य बहुत ही प्रसिद्ध पंक्ति यह भी है, ‘मिसेज सिन्हा के हाथों में जो बेमौसम खनकते हैं, पिछली बाढ़ के तोहफे हैं ये कंगन कलाई के।’ बंधे के मरम्मत को लेकर प्रति वर्ष करोड़ो रुपए शासन से आता है। पैसे की बंदरबांट होती है। परिणाम स्वरूप कमोबेश हर बरसात में जिले के तटबंध बालू की रेत की तरह ढ़हते रहते हैं। आपके बताते चलें कि वर्ष 2018 में भी अगस्त के महीने में ही 10 तारीख को स्पर नम्बर चार व पांच के बीच यह तटबंध कटा था। तब सोनौली मोहम्मदपुर, दलेर नगर, भिखारीपुर खुद, इस्माइल पुर, ऐली परसौली आदि ग्राम पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गई थीं। वर्ष 2019 में भी सितम्बर महीने में लांचिंग एप्रान ढ़ह गया था। वर्ष 2020 में भी इसके कटने की शुरुआत जून महीने में ही हो गई थी। पहाड़ों पर हुई बारिश से सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ऐली परसौली ग्राम पंचायत का बिशुन पुरवा कटान की जद में आ गया था। यहां के निवासी विजय पाल निषाद ने कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कराया था। उसका एक हिस्सा नदी में समा गया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि तटबंध के मरम्मत में विभाग द्वारा शुरू से ही लापरवाही बरती जाती रही है। बरसात की शुरुआत होने तक बांध को बचाने के लिए बनाए जा रहे नए स्परों का निर्माण नहीं हो पाया था। जून महीने में ही स्थलीय निरीक्षण के बाद तरबगंज के एसडीएम राजेश कुमार ने डीएम को एक रिपोर्ट भेजकर कुछ बिंदुओं पर कार्य करवाने के लिए बाढ़ कार्य खंड व पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया था। डीएम ने भी समय से तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया किन्तु अपने आकाओं के बदौलत सरकारी सेवा में फल फूल रहे जिम्मेदारी अधिकारियों के लिए ऐसे कागज तो आए दिन आते जाते रहते हैं। प्रशासन कोविड-19 को लेकर व्यस्त रहा और डीएम का यह आदेश भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। तीन दिन पूर्व भी यह कटते-कटते बचा था। बंधे की कटान शुरू होते ही जिला प्रशासन को सूचना मिली कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ अगले दिन पूर्वान्ह में बाढ़ का निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। इसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। डीएम, एडीएम समेत सभी जिम्मेदार विभागों के अधिकारी पूरी रात बंधे पर मौजूद रहकर बचाव कार्यों में लगे रहे तथा हनुमान चालीसा पढ़़ते रहे। परिणाम स्वरूप उनका पुरुषार्थ काम आया। बंधा भी बच गया और मुख्यमंत्री भी नहीं आए। किन्तु नदी तो अपना काम कर ही रही थी। स्थानीय लोग बताते हैं कि नदी का पानी घटते समय ‘मसीना’ लगता है। इस समय कटान तेज हो जाती है। तब ज्यादा सतर्कता की जरूरत होती है। किन्तु प्रशासन यह मुश्तैदी बरकरार नहीं रख सका और गुरुवार को दोपहर बाद करीब चार बजे 17.6 किमी पर करीब 50 मीटर बांध कटकर बह गया। इसके मुहाने पर ऐली परसौली ग्राम पंचायत का बिशुन पुरवा मजरा है। स्वाभाविक है कि यह सर्वाधिक प्रभावित होगा। इसके अलावा आसपास के दर्जनों मजरों तक बाढ़ का पानी पहुंचेगा, किन्तु प्रशासन की मानें तो फिलहाल कोई गंभीर स्थिति नहीं है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, अयोध्या में गुरुवार को दोपहर दो बजे सरयू नदी खतरे के निशान से दो सेमी नीचे बह रही थी, जबकि एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी लाल निशान से 50 सेमी ऊपर बह रही थी। नदियों का जल स्तर तेजी से कम होने के चलते कटान में तेजी आई। मांझा क्षेत्र के ग्रामीण बंधा कटने से बाढ़ की तबाही लेकर खौफजदा हैं। कई गांवों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर ठिकाना बना लिया है।
जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने इस सम्बंध में बताया कि तटबंध कटने के बाद ऐसी परसौली ग्राम पंचायत के बिशुन पुरवा मजरे में गन्ने के खेतों तक पानी पहुंचना शुरू हो गया है। फिलहाल बाढ़ के पानी से 42 परिवारों के 162 लोगों के प्रभावित होने की संभावना है। सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सभी को जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी कोशिश है कि रिंग बांध बनाकर बाढ़ के पानी को ज्यादा क्षेत्रफल में फैलने से रोका जा सके। अनुमान है कि नदी में पानी घटने के साथ ही कटान रुकेगी और पानी का फैलाव भी कम होगा। डीएम ने कहा कि फिलहाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में जन हानि व पशु हानि रोकने की है।

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