Gonda News:कचहरी में प्रवेश से रोके गए बिना वाहन पासधारक वकील

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। बिना वाहन पास के दीवानी न्यायालय परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने को लेकर बुधवार को वकीलों और सुरक्षा कर्मियों में तू-तू मै-मैं हुई। ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मी बिना पास के जहां किसी भी अधिवक्ता को वाहन के साथ अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे थे, वहीं किन्हीं कारणों से अब तक वाहन पास न बनवा पाए अधिवक्ता वाहन के साथ ही कचहरी परिसर में प्रवेश के लिए अड़िग थे। इसको लेकर मुख्य प्रवेश द्वार पर आज कई बार नोकझोंक हुई।
उल्लेखनीय है, उच्च न्यायालय के निर्देश पर कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था चौकस किए जाने के क्रम में अधिवक्ताओं व कर्मचारियों का वाहन पास अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशासन ने निर्णय लिया है कि बिना वाहन पास के एक भी वाहन कचहरी परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इस व्यवस्था की बाकायदा आज से शुरुआत हो गई। हालांकि पिछले कुछ दिनों से वाहन पास बनाया जा रहा था, किन्तु अब भी अनेक अधिवक्ताओं के वाहन पास किन्हीं कारणों से नहीं बन सके। आज सुबह बिना पास धारक अधिवक्ताओं को सुरक्षा कर्मियों ने गेट पर रोक दिया। इसको लेकर कई बार सुरक्षा कर्मियों व वकीलों के बीच काफी नोकझोंक हुई। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि हमें निर्देश है कि बिना वाहनपास के किसी भी वकील अथवा कर्मचारी को अंदर न जाने दिया जाए। अधिवक्ताओं का कहना है कि अधिकांश वकीलों का परिचय पत्र तो बन गया, लेकिन अब भी अनेक वकीलों का वाहन पास जरूरी कागजातों के अभाव में नहीं बन सका है। प्रशासन के अनुसार, वाहन पास केवल उन्हीं अधिवक्ताओं का वाहन पास नहीं बन पाया है जिनके वाहनों की आरसी उनके स्वयं अथवा पुत्र या पिता के नाम भी नहीं हैं और न ही उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है। जिन अधिवक्ताओं ने जरूरी कागजात उपलब्ध करा दिए थे, उनको को वाहन पास जारी कर दिया गया है। वकीलों ने प्रशासन के इस फैसले के विरोध में नारेबाजी किया। कई वकीलों ने सिविल बार एसोसिएशन में प्रस्ताव देकर इस व्यवस्था को समाप्त कराये जाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह व्यवस्था अधिवक्ताओं को परेशान करने वाली है।

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