Gonda : दूसरे दिन भी बेमियादी हड़ताल पर रहे बिजली कर्मी व अफसर

मुख्य अभियन्ता कार्यालय के समक्ष दिया गया धरना

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये व दमनात्मक कार्यप्रणाली के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजलीकर्मियों ने बुधवार को भी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करते हुए मुख्य अभियन्ता कार्यालय के समक्ष संघर्ष समिति की 15 सूत्री मांगांे को लेकर धरना दिया। मुख्य अभियन्ता कार्यालय के समक्ष पूरे दिन विरोध सभा हुई, जिसकी अध्यक्षता इं. संदीप यादव द्वारा किया गया। संचालन अर्जुन पाल द्वारा किया गया। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए शीर्ष प्रबंधन की नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही चौयरमैन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए ऊर्जा मंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की। विदित है कि मंगलवार को ऊर्जा मंत्री द्वारा संयुक्त संघर्ष समिति के नेताआंे को आवास पर वार्ता हेतु बुलाया गया था, किन्तु वार्ता में समय मांगकर किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से मना किया गया। इस पर केन्द्रीय संयोजक द्वारा सकरात्मक वार्ता न होने की बात कहते हुए आंदोलन जारी रखने के लिए अनिश्चितकालीन आंदोलन का आवाहन किया गया था।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इं. संदीप यादव, इं. पवन कुमार, इं. अजय कुमार गुप्ता, नीरज तिवारी, राकेश यादव, राम कृपाल यादव, दुर्गेश श्रीवास्तव, पीडी त्रिवेदी एवं अन्य पदाधिकारियों ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि आम जनता को तकलीफ न हो, अतः कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों सिस्टम ऑपरेशन, और 33/11 केवी विदयुत उपकेंद्रों में पाली में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अवमुक्त रखा गया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठधर्मिता और बिजलीकर्मियों की समस्याओं के प्रति उपेक्षात्मक रवैये के कारण आज भी पूरे प्रदेश के बिजलीकर्मी संघर्ष के रास्ते पर है। यदि ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए द्विपक्षीय वार्ता से समस्याओं का समाधान निकालने वाली कार्यप्रणाली अपनाई गई होती तो ऊर्जा निगमों में यह टकराव उत्पन्न न होता और न ही ऊर्जा की परफॉर्मेंस व रेटिंग गिरती ऐसा प्रतीत होता है कि शीर्ष प्रबंधन द्वारा सरकार को वास्तविक तथ्यों के विपरीत गुमराह किया जा रहा है, जिस कारण टकराव का वातावरण बना है। बिजली कर्मियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और पूर्णरूप से लोकतांत्रिक है और मात्र ध्यानाकर्षण के लिए है। इस आंदोलन के लिए जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबंधन जिम्मेदार है जो जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे है। उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर को भी कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। बिजली कर्मियों ने यह भी चेताया कि यदि शांति पूर्ण आंदोलन पर या किसी भी बिजली कर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। मुख्य अभियन्ता कार्यालय के समक्ष आंदोलन में अधिशाषी अभियन्ता इं. एसके साहू, इं. विकास शर्मा, उपखण्ड अधिकारी इं. पीयूष सिंह, इं. अमित मौर्या, इं. शुभम सिंह, इं. योगेश सिंह, इं. विकाश यादव, अवर अभियन्ता इं. राम सूरत वर्मा, इं. एसके मौर्या, इं. राजेन्द्र चौधरी, इं. लक्ष्मी नरायन यादव, इं. धंनजीव कुमार, इं. विवेक कुमार, सतीश गुप्ता, कुलदीप आजाद, रविकांत, इंद्र कुमार यादव, अनुप दुबे, सुरेंद्र चंद्र पाल, तारकेश्वर गुप्ता, अनमोल सिंह, आद्या प्रसाद तिवारी, बजरंगी, अखिलेश गुप्ता आदि अन्य समस्त घटक दलो के सदस्य उपस्थित रहे। इससे पूर्व मंगलवार को बिजली कर्मियों ने शाम पांच बजे मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया, जिसमें विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ई. संदीप यादव, ई. पवन कुमार, ई. नीरज तिवारी, राम कृपाल यादव, दुर्गेश श्रीवास्तव, पीडी त्रिवेदी आदि शामिल रहे।

निलम्बित जेई की बहाली के लिए तेज होगा आन्दोलन

परसपुर के उप खण्ड अधिकारी इं. अमित मौर्या ने कहा कि क्षेत्रीय व मंडलीय उच्चाधिकारियों द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए अवर अभियंताओं व प्रोन्नत अभियंताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे कार्य करने का वातावरण प्रभावित हो रहा है। संगठन के जनपद उपाध्यक्ष इं. एसके मौर्या ने आरोप लगाते हुए कहा कि इं. अजीत सिंह का व्यक्तिगत उत्पीड़न की मंशा से किया गया निलंबन निरस्त किया जाना चाहिए। संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष इं. नीरज पटेल ने कहा कि यदि क्षेत्रीय उच्च प्रबंधन द्वारा आन्दोलन का समय पर संज्ञान नहीं लिया गया तो एक दिसम्बर 2022 से देवीपाटन क्षेत्र के समस्त जनपदों (गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती) के संगठन के सदस्य अवर अभियंता व प्रोन्नत अभियंता पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार कर जनपद कार्यालय पर और तीन दिसम्बर 2022 से मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने हेतु बाध्य होंगे। मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ जूनियर इंजीनियर्स संगठन के आंदोलन में उपखण्ड अधिकारी इं. विकास यादव, इं. अमित मौर्या, इं. एनएन भारती, इं. वीके वर्मा, इं. पीयूष सिंह, इं. राम सूरत वर्मा, इं. एसके मौर्या, इं. विनोद कुमार, इं. रितेश कुमार इं. आदर्श कुमार ओझा, इं. हरिओम प्रसाद इं. लाल मणि, इं. अजीत सिंह आदि के साथ सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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जानकी शरण द्विवेदी

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