Gda Cap : हत्या के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को हत्या के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास तथा 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की अदायगी न कर पाने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अभिनव चतुर्वेदी ने आज यहां बताया कि जिले के कोतवाली नगर थाने में साहबगंज मोहल्ला निवासी इम्तियाज अहमद ने 28 मई 2017 को अज्ञात के खिलाफ अपने बड़े भाई नियाज़ अहमद की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। नियाज अहमद की उस समय गला रेतकर हत्या कर दी गई थी, जब वह नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद गए थे। मुकदमे के विवेचक सुनील कुमार राय ने विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलित करके रवींद्र उर्फ रोहित को आला कत्ल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा तथा आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया। चतुर्वेदी ने बताया कि सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायालय (एफटीसी नवीन) नम्रता अग्रवाल ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए बचाव व अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं और गवाहों को सुनकर आरोपी रवींद्र उर्फ रोहित निवासी सिरसा कुइयां थाना कसया जनपद कुशीनगर को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास व 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जुर्माने की रकम अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
दहेज हत्या में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व जुर्माना
जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को दहेज हत्या के मामले में पति को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की अदायगी न कर पाने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) हर्षवर्धन पाण्डेय ने आज यहां बताया कि जिले के उमरी बेगमगंज थाने में वादी उग्रसेन सिंह ने चार आरोपियों के खिलाफ दहेज हत्या का अभियोग दर्ज कराया था। शिकायत में कहा गया था कि उसने अपनी पुत्री शिवांगी का विवाह शनि सिंह निवासी ग्राम अमौठी थाना उमरी बेगमगंज के साथ 18 जून 2021 को किया था। विवाह के हफ्ते भर बाद ही ससुराली जनों ने दहेज को लेकर उत्पीड़न शुरू कर दिया। 19 जून 2022 को सूचना मिली कि उनकी पुत्री की मृत्यु हो गई है। इस पर उनकी शिकायत पर स्थानीय थाने में मृतका शिवांगी के पति शनि सिंह (32), ससुर बंशराज सिंह, सास नीलम सिंह उर्फ शांती देवी व देवर योगेश सिंह के खिलाफ अभियोग दर्ज किया गया। तरबगंज के क्षेत्राधिकारी संसार सिंह राठी ने विवेचना पूर्ण करके चारों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। पाण्डेय ने बताया कि सत्र परीक्षण के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) सूर्य प्रकाश सिंह ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन करते हुए बचाव व अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं और गवाहों को सुनकर आरोपी पति शनि सिंह को दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 304बी में 10 वर्ष का सश्रम कारावास, 498ए में दो वर्ष का साधारण कारावास व 15 हजार रुपए अर्थदंड तथा 3/4 दहेज प्रतिशेध अधिनियम में दो वर्ष का साधारण कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माने की रकम अदा न करने पर चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि कुल सजा में समायोजित की जाएगी। मुकदमे में आरोपी बनाए गए मृतका के सास, ससुर व देवर को दोषमुक्त करार दिया गया।
पैसा लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देने वाले पर FIR का आदेश
जिले की एक अदालत ने पांच लाख 10 हजार रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देने के मामले में मोतीगंज के थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के सोनभरिया निवासी नितेश कुमार ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि खोड़ारे थाना क्षेत्र के ग्राम राम सहाय डीह निवासी राजेश कुमार वर्मा उर्फ बब्लू ने उसे विश्वास में लेकर उसकी पत्नी रेनू वर्मा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहराइच में जेएनएम के पद पर नौकरी दिलाने के लिए पांच लाख 10 हजार रुपये ले लिया। कुछ दिन बाद राजेश कुमार वर्मा ने स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से जारी नियुक्ति पत्र व पहचान पत्र दे दिया। नियुक्ति पत्र व पहचान पत्र लेकर जब वह स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यभार ग्रहण करने पहुंचा तो पता चला कि वह फर्जी है। 21 जुलाई 2024 को जब उसने पैसा मांगा, तो राजेश वर्मा ने जान से मारने की धमकी दी। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान मामले के तथ्य, साक्ष्य व परिस्थितियों को देखते हुए अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) वृशाली गुप्ता ने थानाध्यक्ष मोतीगंज को आरोपी राजेश कुमार वर्मा के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।
रिश्वतखोर लेखपाल निलंबित
मनकापुर तहसील के शुकुल पुरवा की मुन्नी देवी से 1.63 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में लेखपाल राजकुमार निलंबित किए गए हैं। एसडीएम यशवंत राव ने बताया कि डीएम के निर्देश पर राजस्व लेखपाल को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। मुन्नी देवी से लेखपाल राजकुमार ने रुपये लेने के बाद फर्जी पट्टा प्रमाण पत्र दे दिया गया। पीड़िता ने आईजीआरएस के माध्यम से कई बार शिकायत की, हर बार तहसील से बिना उसका पक्ष सुने ही मामले का निस्तारण कर दिया जाता रहा। पीड़िता ने आयुक्त को पूरे मामले की जानकारी दी और साक्ष्य के रूप में अभिलेख व शपथ पत्र दिए। आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे। मामले को डीएम ने गंभीरता से लिया और कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एसडीएम ने निलंबित कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है। फिलहाल आरोपों की जांच मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश करेंगे।
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