स्पर्श शक्ति से मानसिक रोगों की रक्षा, 90 प्रतिशत बीमारियां मनोदैहिक : सतीश

प्रयागराज(हि.स.)। हमारे शरीर में 90 प्रतिशत रोग मनोदैहिक होते हैं, जो व्यक्ति के नकारात्मक सोच के कारण उत्पन्न होते हैं। हमारे शरीर में करोड़ों सेल हैं और प्रत्येक सेल का अपना दिमाग होता है। जब भी हम कुछ सोचते हैं तो करोड़ों सेल के अंदर मौजूद ब्रेन उस सोच को पूरा करने में लग जाते हैं।

एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान के स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि यदि आपने किसी बीमारी को अपने शरीर में होने की कल्पना की और आप उसका रिजल्ट सोचने लगे तो हमारे शरीर के अंदर मौजूद सेल के ब्रेन उसे साकार करने में लग जाते हैं और व्यक्ति उस रोग के लक्षणों से ग्रसित हो जाता है। ऐसे में सकारात्मक सोच से ही बीमारी से बचा जा सकता है।

कहा कि जब भी मौसम बदलता है तो बहुत से लोग बीमार हो जाते हैं, जिसमें सर्दी-जुकाम, खांसी-बुखार होना आम बात है। जब मौसम बदलता है तो हमारे शरीर में भी बदलाव होता है। शरीर एक मौसम में रहते हुए उसके हिसाब से रिएक्ट करने लगता है।

सतीश राय ने बताया कि मौसम के अचानक सम्पर्क में आने से ह्यूमिडिटी में भी बदलाव होता है और यह बीमारी का अहम कारण होता है। ह्यूमिडिटी में बदलाव होने से शरीर के इम्यून सिस्टम पर ज्यादा असर पड़ता है । इससे हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। उस समय कोई भी कीटाणु-विषाणु या वायरस शरीर पर जल्दी असर डाल देते हैं। इनसे बीमार होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में स्पर्श शक्ति अपनाने से शरीर की इम्यूनिटी पावर में बढ़ोतरी होती है, जो हमें बीमारियों से बचाती है। यह हमारे सुरक्षा कवच को भी मजबूत बनाती है। स्पर्श शक्ति का शरीर पर लगातार उपयोग करने से मानसिक रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

राय ने कहा बदलते मौसम में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रकृति द्वारा दिए उपहारों को अपनाना सबसे बेहतर उपाय है। प्राकृतिक ऋतु के अनुसार फल, फूल, अन्न का सेवन करें। खाना बनाने में आयुर्वेद के अनुसार हल्दी, जीरा, दालचीनी, काली मिर्च, धनिया, लहसुन, अदरक, तेजपत्ता, लौंग, इलायची का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही स्पर्श ध्यान, योग आसन, प्राणायाम को अपनाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर रोगों से बच सकते हैं।

error: Content is protected !!