सीरिया: भयावह युद्ध के दस साल, हर दिन 83 आम नागरिकों की हो रही मौत

-संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग की रिपोर्ट, दस साल में मरे तीन लाख से ज्यादा

दमिश्क (हि.स.)। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध तीन माह पार कर चुका है। ऐसे में लोगों को सीरिया में लगातार चल रहे युद्ध की याद भी आ रही है। सीरिया में पिछले दस वर्ष से भयावह युद्ध चल रहा है। इस कारण वहां हर दिन औसतन 83 आम नागरिकों की मौत हो रही है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दस साल से चल रहे हिंसक संघर्ष में सीरिया में तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बिशलेट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने इस रिपोर्ट को तैयार करने का आदेश दिया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में एक दशक से जारी युद्ध में तीन लाख छह हज़ार 887 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है। देश में हिंसक टकराव के कारण होने वाली मौतों का यह अब तक का सबसे बड़ा अनुमान है। इस रिपोर्ट में एक लाख 43 हज़ार 350 आम लोगों की मौतों का विस्तार से दस्तावेज़ीकरण किया गया है। इसके अलावा जानकारी के अभाव में सांख्यिकी तकनीकों के जरिये एक लाख 63 हज़ार 537 अन्य नागरिकों के मारे जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त का मानना है कि इस विश्लेषण से हमें हिंसक संघर्ष की गंभीरता एवं उसके स्तर को स्पष्टता से समझने एवं जानने में मदद मिलेगी। दस साल में तीन लाख छह हज़ार 887 मौतों का अर्थ है कि पिछले एक दशक में हर दिन औसतन 83 आम नागरिकों की मौत इस हिंसा के कारण हुई। यह संख्या सीरिया की कुल आबादी का क़रीब 1.5 प्रतिशत है। उन्होंने साफ कहा कि ये लोग युद्ध अभियान के दौरान ही मारे गए हैं। इनमें बीमारियों, भुखमरी व अन्य कारणों से मरने वाले लोग शामिल नहीं हैं। ऐसी मौतों का आकलन किया जा रहा है।

संजीव मिश्र

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