‘सब फर्जी है! विधायकों को नहीं मिल पा रहा बेड’

कोरोना संक्रमित विधायक के भाई की सोशल मीडिया पर तल्ख टिप्पणी

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। हरदोई जिले में कोविड-19 से निपटने के इंतजामों पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है। कोरोना संक्रमित मिले भाजपा विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह ‘रानू’ के भाई व प्रदेश गन्ना संघ के निदेशक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने राज्य सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर तल्ख टिप्पणी की है। दरअसल, संक्रमण से पीड़ित विधायक को पीजीआई में बेड न मिलने पर धीरेंद्र प्रताप ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अपने गुस्से का इजहार किया है। बुधवार दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर मुख्यमंत्री कार्यालय के फेसबुक अकाउंट पर आला अफसरों की प्रेस कांफ्रेंस में विधायक के भाई ने सब कुछ फर्जी बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की।
सवाजयपुर से भाजपा विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू बीते सोमवार को एंटीजेन टेस्ट में कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उनका चालक और एक घरेलू नौकर भी कोरोना संक्रमित मिला था। संक्रमित पाए जाने पर विधायक अपने दोनों सहयोगियों के साथ लखनऊ रोड पर सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय में बनाए गए कोविड-19 के एल-2 अस्पताल में भर्ती हो गए थे। मंगलवार को विधायक रानू सिंह को मामूली दिक्कत हुई, तो वह बेहतर उपचार के लिए लखनऊ चले गए। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू को लखनऊ के पीजीआई में बेड नहीं मिल पाया था। इसके बाद वह एक नामी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हो गए थे। उनका स्वास्थ्य भी बेहतर है और वह फोन पर अपने करीबियों से लगातार संपर्क में भी हैं। इसी के बाद आज विधायक के छोटे भाई व भरखनी के पूर्व ब्लाक प्रमुख और उत्तर प्रदेश गन्ना संघ के निदेशक धीरेंद्र प्रताप सिंह सेनानी ने सोशल मीडिया पर तल्ख टिप्पणी की हैं। चीफ मिनिस्टर ऑफिस उत्तर प्रदेश के फेसबुक अकाउंट पर कोविड-19 के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह व सूचना एवं अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य की प्रेसवार्ता पर उन्होंने लिखा है कि ‘सब फर्जी, विधायकों को बेड नहीं मिल पा रहा है। भाषण देना है तो मंच लगा लीजिए’। विधायक के भाई और गन्ना संघ के निदेशक की सोशल मीडिया पर की गई इस टिप्पणी को भी सिस्टम और व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान के रूप में देखा जा रहा हैं। इससे पहले सदर सांसद जय प्रकाश, गोपामऊ के विधायक श्याम प्रकाश भी सिस्टम पर सवाल उठा चुके हैं।

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