श्रीलंकाई उड़ान के स्वागत में जुटी योगी सरकार, रविवार को करेंगे समीक्षा

-कुशीनगर। श्रीलंका से आने वाली प्रथम अंतर-राष्ट्रीय उड़ान के स्वागत को लेकर तैयारी जोर पकड़ गई है। उच्चाधिकारियों के दल के साथ समीक्षा करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंग पूरी रविवार को कुशीनगर पहुंच रहे हैं। 
 इस एयरपोर्ट के प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में आने के बाद से ही लोगों में उत्साह का माहौल है। साल 2010 में तत्कालीन मायावती सरकार ने ब्रिटिशकालीन एयरस्ट्रिप का विस्तार करने की सोची थी। जमीन अधिग्रहण के बाद पीपीपी मॉडल से इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की कोशिश परवान नही चढ़ी। एयरपोर्ट के लिए रोष व प्रतिरोध के बीच 2010 में गांव शाहपुर, नरकटिया, बेलवा रामजस, भलुही मदारीपट्टी, पतया, नन्हाछपरा के किसानों ने अपनी भूमि सरकार को सौंप दी थी। बाद की अखिलेश सरकार ने एयरपोर्ट को खुद बनाने का फैसला किया और 190 करोड़ का बजट दिया। 
 इस बजट से चहारदीवारी, रन-वे, एप्रन एटीसी बिल्डिंग व अग्निशमन बिल्डिंग का कार्य हुआ। यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट व अप्रवासी भारतीय सम्मेलन में कुशीनगर एयरपोर्ट की ब्रांडिंग कर दी किन्तु जून 2020 में केंद्रीय कैबिनेट से एप्रूवल मिलने के बाद एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया, केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय, राज्य सरकार, जिला प्रशासन समेत जुड़े सभी विभाग तेज हो गए। 
श्रीलंका सरकार को निमन्त्रण के बाद आई कार्य में तेजी
10 अगस्त को श्रीलंका में भारत के राजदूत गोपाल बागले ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे को प्रथम उड़ान के लिए प्रधानमंत्री का निमंत्रण सौंपने की खबर सुर्खियां बनी तो सम्बन्धित सभी पक्षों में और तेजी आ गई। स्थिति यह है कि एयरपोर्ट पर 27 करोड़ की लागत से नई टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य शुरू हो गया है। पुरानी टर्मिनल बिल्डिंग व वीवीआईपी गेस्ट हाउस को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सजाया संवारा जा रहा है। विशाखापत्तनम एयरपोर्ट से मोबाइल एटीसी मंगाई जा रही है।आउटडोर इनडोर सड़क मार्ग, बिजली, पानी, सुरक्षा, अग्निशमन व्यवस्था के कार्यों में तेजी आ गई है। जिला प्रशासन ने पर्यटन विकास की नवीन योजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया है। 
700 करोड़ की लागत से बना है कुशीनगर एयरपोर्ट
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सरकार ने कुल 700 करोड़ खर्च किये हैं। 300 करोड़ रन वे, एप्रन, चहारदीवारी, फायर बिल्डिंग, एटीसी बिल्डिंग पर खर्च किए गए है। भूमि खरीद पर 400 करोड़ खर्च किए गए। एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया ने स्वामित्व प्राप्त करने के साथ रूट व एविएशन कम्पनी का चयन भी कर लिया है। नए व्यावसायिक एयरपोर्ट का निर्माण 645 एकड़ क्षेत्रफल में हुआ है। इसमें किसानों से खरीदी गई 455.794 एकड़ भूमि के अलावा पुरानी एयरस्ट्रिप की 190 एकड़ भूमि अतिरिक्त है।
 विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने बताया कि “प्रधानमंत्री ने श्रीलंका सरकार को प्रथम उड़ान के लिए आमंत्रित कर पूरे विश्व बौद्ध समुदाय का ध्यान कुशीनगर की तरफ आकर्षित कर दिया है। अब यहां पर्यटन ही नहीं बल्कि कृषि व शिक्षा आधारित मेगा परियोजनाएं भी लांच होंगी,जनपद अग्रणी भूमिका में होगा।” 
 ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोहरा ने बताया कि ’30 सितम्बर के बाद एयरपोर्ट कभी भी उड़ान लैंडिंग व टेकऑफ के लिए पूरी तरह तैयार होगा। कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला प्रशासन सभी विभागों के बीच समन्वय बना कार्यों को पूरा कराने में लगा है।’  

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