व्यापार : अदानी ग्रुप ने लखनऊ एयरपोर्ट के चार्ज में 10 गुना की वृद्धि की

नई दिल्ली। हाल में ही अदानी ग्रुप ने 6 सरकारी एयरपोर्ट के लिए बोली लगाकर यह सभी एयरपोर्ट अपने हवाले कर लिए थे। अदानी ग्रुप ने लखनऊ एयरपोर्ट के चार्ज में 10 गुना की वृद्धि कर दी है। टर्नअराउंड चार्जेस की करें,तब लखनऊ एयरपोर्ट ने प्राइवेट जेट और इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए इस काफी बढ़ा दिया है। एविएशन सर्किल में अनुमान लगाया जा रहा है कि अदानी ग्रुप के पास मौजूद अन्य पांच एयरपोर्ट के चार्जेस में भी वृद्धि की जा सकती है। इनमें जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, मैंगलोर और तिरुवंतपुरम एयरपोर्ट शामिल हैं। इस समय देश भर के एयरपोर्ट पर लगने वाले चार्ज एयरपोर्ट इकनामिक रेगुलेटरी अथॉरिटी या सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। ऐरा ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी है जो चार्ज में बदलाव का फैसला करती है।
अब तक एयरपोर्ट में इस तरह के चार में बदलाव करने वाली ऐरा हर 5 साल में इस पर फैसला करती है। लखनऊ एयरपोर्ट के मामले में पिछले साल ही 5 साल की अवधि खत्म हो चुकी है, लेकिन अगले 5 साल के लिए चार्ज के संबंध में कोई फैसला नहीं किया गया है। पिछले साल लखनऊ एयरपोर्ट को अदानी ग्रुप ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। लखनऊ के एयरपोर्ट ऑपरेटर अदानी ग्रुप ने ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी के रूप में एक नई कंपनी की नियुक्ति की है, जिसकी वजह से टैरिफ में वृद्धि की गई है। ऑपरेटर का हालांकि कहना है कि नई कंपनी की नियुक्ति के बाद भी सर्विस क्वालिटी में कोई सुधार नहीं देखा गया है। नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक बिजनेस जेट एयरक्राफ्ट ऑपरेटर ने कहा, चार्ज में काफी वृद्धि करने के बाद भी ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज में कोई सुधार नहीं देखा गया है। लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने वाली बिजनेस जेट फ्लाइट वास्तव में मेडिकल इवेक्युएशन फ्लाइट्स होते हैं। अदानी ग्रुप से इस बारे में पूछे गए एक सवाल का कोई जवाब नहीं मिला।
केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट का निजीकरण इस उद्देश्य किया था कि इससे सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी। एयरलाइन से जुड़ी संस्थाओं ने इसका विरोध किया था क्योंकि उन्हें डर था कि एयरपोर्ट चार्जेस में वृद्धि की जा सकती है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (एटा) और फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (फिआ) ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद एयरपोर्ट पर लगने वाले अधिक चार्ज का कई बार विरोध किया है। भारत सरकार ने साल 2018 में एयरपोर्ट के नियंत्रण के लिए लगाई जाने वाली बोली की शर्त में बदलाव किया था। पहले के मॉडल पर एयरपोर्ट को रेवेन्यु शेयरिंग मॉडल पर निजी हाथों में दिया जाता था। इसे अब प्रति पैसेंजर रेवेन्यू मॉडल में बदल दिया गया है। दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट को रेवेन्यु शेयरिंग मॉडल पर निजी हाथों में दिया गया है जबकि अदानी ग्रुप को दिए गए छह एयरपोर्ट प्रति पैसेंजर रेवेन्यु मॉडल पर दिए गए हैंI इसके बाद भी एयरपोर्ट चार्जेस में वृद्धि की जा रही हैI एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने का उद्देश्य था कि निजी ऑपरेटर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने के लिए अपनी तरफ से निवेश करें।

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