विकास के गुर्गों का आतंक बरकरार, आईजी से मिले पीड़ित ग्रामीण

 
कानपुर। कुख्यात अपराधी विकास दुबे भले ही पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया हो, लेकिन उसके गुर्गों का आतंक आज भी बरकरार है। आलम यह है कि विकास के गुर्गे प्रदेश सरकार, जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी कार्यवाही के बाद अभी भी व लोगों की जमीन पर कब्जा किये हुए हैं। जब कोई उसका विरोध करता है तो उसके साथ मारपीट करने के साथ-साथ जान से मारने की धमकी भी देते है। गुरुवार को पीड़ित ग्रामीणों ने आईजी मोहित अग्रवाल से मिल न्याय की गुहार लगाई।
सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की घटना बिकरु कांड से कानपुर सहित पूरे देश की पुलिस हिल गयी थी। हालांकि पुलिस ने कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे समेत छह गुर्गों को मुठभेड़ में मार गिराया है। इस कांड की अभी भी जांच चल रही है और पुलिस विकास के सभी गुर्गों पर कार्रवाई का मन बना चुकी है। इन सबके बावजूद बिकरु गांव और आस-पास के गांवों में अभी भी विकास के गुर्गे सक्रिय हैं और लोगों की जमीन कब्जाने का धंधा उनका बरकरार है। गुरुवार को विरोहा गांव के एक दर्जन से अधिक ग्रामीण आईजी मोहित अग्रवाल से विकास दुबे के गुर्गों से न्याय दिलाने की गुहार लगाये। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान शैलेन्द्र दीक्षित विकास दुबे का साथी था और क्षेत्र में जमीन कब्जाने का उसका धंधा है। विकास दुबे के मारे जाने के बाद भी अभी भी उसके गुर्गे जमीन कब्जाने का काम जारी किये हुए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान शैलेन्द्र द्वारा कई ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा किया गया है जब कोई विरोध करता हैं तो ये लोग उसके साथ मारपीट करते है। ग्रामीण अंकित पाण्डेय का कहना है कि अगर हम लोगों की सुनवाई नहीं हुई तो हम लोग मुख्यमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराएंगे। आपको बता दे कि ग्राम प्रधान शैलेन्द्र के ऊपर कानपुर के अलग-अलग थानों में दर्जनों मुकदमें दर्ज है। वहीं इस पूरे मामले में आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी ऐसे किसी भी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा।

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