लोकतंत्र बचाओ रैली में जुटी भीड़ में रालोद नेतृत्व को दिखी नई संभावना

मुजफ्फरनगर (हि.स.)। सियासी अस्तित्व खो चुके रालोद को लोकतंत्र बचाओ रैली में जुटी भीड़ के बीच नई संभावनाएं दिखाई दे रही है। इस रैली के जरिए रालोद नेतृत्व को फिर से प्रदेश की विधानसभा और देश की लोकसभा में अपने प्रतिनिधित्व की उम्मीद जगी है तो विपक्षी दलों के नेताओं को भी अपना सियासी कल्याण दिखाई दे रहा है।

हाथरस में रालोद नेता जयंत चैधरी पर लाठीचार्ज के बाद से रालोद कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे हैं। अपना सियासी वजूद खो चुके रालोद नेतृत्व को यह मौका अपने खोए वोट बैंक को एकजुट करने के लिए मुफीद लगा और उसने आठ अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में लोकतंत्र बचाओ रैली आयोजित की। इससे जाट बिरादरी को एकजुट करने के साथ-साथ 2013 में खुद से छिटके मुस्लिम वोट बैंक को भी इकट्ठा करने में मदद मिली। इस रैली को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, शिव सेना, हरियाणा के नेताओं ने भी संबोधित किया। रैली को भले ही पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, लेकिन इसके बाद भी हजारों लोग रैली में जुटे। रैली में जुटी भीड़ को देखकर रालोद नेताओं के हौसलें बुलंद हो गए और जयंत चैधरी ने हाथरस के लाठीचार्ज को प्रदेश सरकार की बड़ी साजिश करार दिया। इसके तहत किसानों की राजनीति को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। लोकतंत्र बचाओ रैली में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक इमरान मसूद, हरियाणा के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा, हरियाणा के विधायक अभय सिंह चैटाला, जद एस सांसद परवाल रेवन्ना, सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, राजस्थान विधानसभा के डिप्टी स्पीकर आफताब, कांग्रेस के पूर्व सांसद जयप्रकाश आदि ने भाग लिया और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। 
ट्रैक्टर-ट्राॅलियों में पहुंचे हजारों लोगइस रैली को खाप चौधरियों ने भी अपना समर्थन दिया। इसी कारण हजारों लोग ट्रैक्टर-ट्राॅलियों में सवार होकर मुजफ्फरनगर पहुंचे। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से ही रालोद मुखिया अजित सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। इसी तरह से उनके बेटे जयंत चैधरी भी बागपत लोकसभा सीट से चुनाव हार गए। प्रदेश की विधानसभा में भी रालोद के एकमात्र विधायक सहेंद्र सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
ड्रोन से की गई रैली की निगरानीलोकतंत्र बचाओ रैली को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती। मेरठ जोन के एडीजी राजीव सब्बरवाल खुद मुजफ्फरनगर पहुंचे। लोगों को सेनेटाइज करके और मास्क के साथ ही रैली स्थल पर पहुंचने दिया गया। रैली स्थल की ड्रोन से निगरानी की गई।

error: Content is protected !!