लखनऊ : 15 प्रोफेसरों में से 11 ठाकुर, बांदा कृषि विवि में नियुक्ति पर बजेपी में ही सवाल


-कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए
लखनऊ(ईएमएस)। उत्तर प्रदेश में बांदा कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर बड़ी संख्या में एक जाति विशेष के लोगों की नियुक्तियां किए जाने को लेकर बीजेपी विधायक ने ही खिलाफ में मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद मंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 20 प्रवक्ताओं की भर्तियां की गई हैं। इसमें जिनमें 18 सामान्य वर्ग और दो ईडब्लूएस कोटे की थीं। विश्वविद्याय प्रशासन ने 15 पदों पर भर्तियां की हैं, जिनमें से 11 पदों पर ठाकुर समुदाय लोगों का चयन किया गया है। बाकी चार पदों में से एक ओबीसी, एक अनुसूचित जाति, एक भूमिहार और एक मराठी समुदाय से शामिल हैं। विश्वविद्यालय में चयनित हुए 15 प्रवक्ताओं में 11 ठाकुर समुदाय के भर्ती किए जाने के लेकर विवाद छिड़ गया है। बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने प्रधानमंत्री से लेकर सीएम योगी तक से शिकायत की है। वहीं, पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने भी उनको अपने निशाने पर लिया है।
बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति ने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय में जो प्रवक्ता के पद पर हुई नियुक्त की गई है, उसमें आरक्षण रोस्टर का नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। बृजेश प्रजापति ने कहा कि संविधान कहता है कि सभी को बराबर का अवसर मिलना चाहिए, लेकिन विश्वविद्यालय की भर्ती में सामान्य अवसर सभी समुदाय को नहीं मिला है। एक विशेष जाति को लोगों को नियुक्त किया गया है। विश्वविद्यालय की ओर से भर्ती के लिए जो विज्ञापन निकाले गए हैं, इसमें गंभीर अनियमितताएं हैं। हालांकि, विधायक के पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अगर मामले की जांच नहीं होती है तो वो दोबारा से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखेंगे। इस मामले में उदित राज ने ट्वीट कर कहा कि हजारों साल से जाति ही मेरिट रही है और अभी चालू है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता बृजेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी सरकार आरक्षण विरोधी करार दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के द्वारा की गई भर्ती की लिस्ट भी लगाई है। मामले को तूल पकड़ते देख कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को पहले विश्वास ही नहीं हुआ और लेकिन बाद में उन्होंने पूरे मामले में जांच के आदेश भी दे दिए। कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन डॉ वीके सिंह हैं, उनकी प्रतिक्रिया का भी लोगों को इंतजार है।

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