लखनऊ विवि के 63वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने उच्च शिक्षण संस्थानों के दायित्वों का कराया स्मरण

-शिवांश मिश्रा को चांसलर स्वर्ण पदक, रैना शुक्ला को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल,

तेजस्विनी बाजपेई को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल मिला

लखनऊ (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में 63वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मंच पर कुलाधिपति राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल,  उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री प्रोफेसर दिनेश कुमार शर्मा, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय उपस्थित रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष पर इसकी पुरातन गौरव गाथा का स्मरण करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यहां की प्रतिभा ज्ञान परंपरा को बताया। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों के दायित्वों को भी स्मरण कराया। उन्होंने इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों में राष्ट्रपति न्यायधीश प्रसिद्ध खिलाड़ी एवं वैज्ञानिकों का नामशः उल्लेख किया। राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि यह विश्वविद्यालय और भी 100 वर्षों की यात्रा को संपन्न करते हुए निरंतर ज्ञान का दीप प्रज्वलित रखें। तदनंतर मंच पर विराजमान अतिथियों को स्मृति चिह्न दिया गया। इसके बाद कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह की समाप्ति की घोषणा की एवं राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। शैक्षिक शोभा यात्र भी संपन्न हुआ। तदनंतर मंच पर विराजमान अतिथियों को स्मृति चिह्न दिया गया। इसके बाद कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह की समाप्ति की घोषणा की एवं राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। 
कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने  सर्वप्रथम कुलाधिपति को उनके जन्म दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए  समस्त अतिथियों का स्वागत किया।  तदनन्तर शताब्दी वर्ष 2020 में लखनऊ विश्वविद्यालय की उपलब्धियां को सबके सामने रखा। कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में शैक्षिक अभिवृद्धि हेतु योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा संकाय, उच्च आणविक आनुवंशिकी एवं संक्रामक योग संस्थान, नैनो विज्ञान केंद्र, अक्षय ऊर्जा केंद्र आदि की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में  पीएचडी परास्नातक अध्यादेशों का निर्माण किया गया है। 
इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि, शिक्षा, ललित-कला, आयुर्वेद तथा यूनानी संकायों के छात्रों को उपाधियां प्रदान की गई। इसके बाद पदक प्राप्त छात्रों को पदक प्रदान किया गया। शिवांश मिश्रा को चांसलर स्वर्ण पदक, रैना शुक्ला को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल, तेजस्विनी बाजपेई को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल, हर्षिता दुबे को चांसलर सिल्वर मेडल, मारिया खातून , मोहम्मद आमिर, शिखर श्रीवास्तव,आदित्य सिंह,सोनिया गुप्ता, पलक मिश्रा, ज्योति सिंह, विदिशा भुक्ता, सनातन संकल्प तथा अभय द्विवेदी को चांसलर कांस्य पदक प्रदान किया गया। 
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा उच्च शिक्षा मंत्री प्रोफेसर दिनेश शर्मा  ने लखनऊ विश्वविद्यालय के संक्षिप्त इतिहास के बारे में बताया। इसके पश्चात उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय की गौरव गाथा को बताते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय के विद्वान मनीषी शिक्षकों ने चार पद्म विभूषण दो पद्मभूषण जैसे महनीय सम्मानों को प्राप्त किया है। उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव देव जी को भी स्मरण किया और इस विश्वविद्यालय के अन्य प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का भी स्मरण किया। 
प्रोफेसर दिनेश शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे डिजिटल कार्यों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय आगामी समय में इससे भी अधिक उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए अभिनव डिजिटलाइजेशन के कार्यों को संपादित करेगा। उप मुख्यमंत्री के भाषण के बाद  कुलाधिपति  द्वारा 13 प्रकाशनों का विमोचन किया गया, जिनमें पद्मश्री प्रोफेसर बृजेश शुक्ला  के तीन पुस्तक, प्रोफेसर अमिता कनौजिया की तीन पुस्तक तथा विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों की पुस्तकों का विमोचन किया गया। 

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