लंदन : नहीं रहे ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप का 99 साल की उम्र में निधन, मार्च में ही हार्ट सर्जरी कराकर लौटे थे
लंदन । ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 99 साल के थे। हाल में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी। इन्फेक्शन के बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। यहां 28 दिन रहने के बाद हाल में उन्हें छुट्टी मिली थी। प्रिंस फिलिप ने जनवरी में क्वीन के साथ कोरोना वैक्सीन लगवाई थी।
बकिंघम पैलेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हिज रॉयल हाइनेस द प्रिंस फिलिप, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग नहीं रहे। रॉयल हाइनेस का शुक्रवार सुबह विंडसर कैसल में निधन हो गया। प्रिंस फिलिप ने 2017 में अपनी जिम्मेदारियों से रिटायरमेंट ले लिया था। इसके बाद से वह कभी-कभार ही नजर आते थे। इंग्लैंड में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान वह लंदन में विंडसर कैसल में महारानी के साथ रह रहे थे।
ब्रिटिश राजपरिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य थे
प्रिंस फिलिप का जन्म 10 जून 1921 को ग्रीस में हुआ था। वह ब्रिटिश इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक राजा रहे। साथ ही ब्रिटिश राज परिवार के सबसे बुजुर्ग पुरुष सदस्य भी थे।ग्लुक्सबर्ग राजघराने के सदस्य फिलिप का जन्म यूनानी और डैनिश राज परिवारों में हुआ था। बचपन के दौरान ही उनके परिवार को देश से निष्कासित कर दिया गया। फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम से पढ़ाई करने के बाद 18 साल की उम्र में 1939 में ब्रिटिश शाही नौसेना में शमिल हो गए। क्वीन एलिजाबेथ से उनकी पहली मुलाकात 1934 में हुई थी। तब एलिजाबेथ की उम्र 13 साल थी। वे फिलिप की दूर की रिश्तेदार थीं। फिलिप ने दूसरे विश्वयुद्ध में भी हिस्सा लिया था।
युद्ध के बाद मिली एलिजाबेथ से शादी की इजाजत
युद्ध के बाद जॉर्ज-षष्टम ने फिलिप के साथ अपनी बेटी एलिजाबेथ से शादी की इजाजत दे दी। सगाई के ऐलान से पहले ही उन्हें अपनी यूनानी और डैनिश शाही पदवियां छोड़कर ब्रिटिश नागरिक बनना पड़ा। सगाई के 5 महीने बाद उन्होंने 20 नवंबर 1947 को एलिजाबेथ से शादी कर ली। इसके बाद उन्हें ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की उपाधि दी गई। 1952 में एलिजाबेथ के महारानी बनने पर फिलिप ने सेना छोड़ दी। तब वह कमांडर के पद पर थे।राजगद्दी संभालने के बाद क्वीन एलिजाबेथ-ढ्ढढ्ढ पहली बार 1961 को भारत के दौरे पर आई थीं। उनके साथ प्रिंस फिलिप भी आए थे। यहां जयपुर के राजपरिवार ने उनकी मेजबानी की थी।

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