रोडवेज बस हादसों में 30 प्रतिशत की कमी लाने के लिए नए सिरे से होगी समीक्षा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) मार्च 2021 तक बस हादसों में 30  प्रतिशत की कमी लाने के लिए अब दुर्घटनाओं की नए सिरे से समीक्षा करेगा। 

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 13 बिंदुओं के आधार पर बसों की फिटनेस की नई व्यवस्था लागू करवाई थी। इसके अलावा बसों की रफ्तार को कंट्रोल करने के लिए स्पीड गवर्नर भी  बसों में लगवाए गए हैं। फिर भी सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अगस्त महीने में प्रदेश भर में करीब छह बस  हादसों  से रोडवेज के संचालन से जुड़े अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। अधिकांश बस हादसों को तेज रफ्तार या चालक की लापरवाही से होना बताया जा रहा है। बस हादसों की वजह से परिवहन निगम को हर वर्ष करीब 40  करोड़ का  मुआवजा  देना पड़ रहा है।

परिवहन निगम मुख्यालय के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) पीआर बेलवरिया ने सोमवार को बताया कि मार्च 2021 तक बस हादसों में 30 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब नए सिरे से बस दुर्घटनाओं की समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि दुर्घटनाओं के कम होने पर यात्रियों का सफर और अधिक सुरक्षित होगा। इसके अलावा हर वर्ष मुआवजे के रूप में दिए जा रहे करोड़ों रुपये की बचत होगी। बीते एक साल में  प्रदेश में करीब 648 बस दुर्घटनाएं हुई हैं। इन दुर्घटनाओं में तकरीबन 390 यात्रियों को जान गंवानी पड़ी हैं। जबकि दुर्घटनाओं में 802 यात्रियों के हाथ-पैर टूट गए हैं। 

मुख्य प्रधान प्रबंधक ने बताया कि 40 वर्ष की उम्र पार कर चुके चालकों का अब हर महीने स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण कराया जाएगा। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। स्वास्थ्य परीक्षण क्षेत्रों की कार्यशालाओं में होंगे। 40 वर्ष की उम्र पार कर चुके बस चालकों की हर डिपो में सूची तैयार की जा रही है। ताकि इनका स्वास्थ्य परीक्षण जल्द से जल्द कराया जा सके।

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