रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंचा रुपया, बाजार खुलते ही 28 पैसे की गिरावट

नई दिल्ली (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बने दबाव, शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली और दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही महंगाई के कारण भारतीय मुद्रा रुपया में आज रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। बाजार में बने निगेटिव सेंटीमेंट्स के कारण आज भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले नए रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंचता नजर आ रहा है। रुपया आज रिकॉर्ड लो लेवल पर गिरते हुए 28 पैसे की कमजोरी के साथ 78.28 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर खुला। रुपये का ये अभी तक का सबसे निचला स्तर है।

इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में कारोबार की शुरूआत ही नेगेटिव सेंटीमेंट के साथ हुई। विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से अपना पैसा निकालने की हड़बड़ी के कारण कारोबार की शुरुआत से ही डॉलर की मांग में तेजी बनी हुई थी, जिसके कारण रुपया 28 पैसा फिसल कर अभी तक के सबसे निचले स्तर पर खुला। हालांकि कारोबार की शुरुआत होते ही बाजार में डॉलर का फ्लो बढ़ जाने की वजह से रुपये की स्थिति में तत्काल ही कुछ सुधार भी हुआ। मुद्रा बाजार का कारोबार शुरू होने के बाद थोड़ी ही देर में रुपया डॉलर के मुकाबले 13 पैसे की रिकवरी करके 78.15 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि रुपये का ये स्तर भी शुक्रवार के क्लोजिंग लेवल से 15 पैसे नीचे का स्तर है।

बाजार के जानकारों का कहना है कि रुपये में आई इस कमजोरी के लिए वैश्विक और घरेलू दोनों परिस्थितियां जिम्मेदार हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह से दुनिया के ज्यादातर देशों में महंगाई में जोरदार बढ़ोतरी हुई है, खासकर अमेरिका में महंगाई पिछले 40 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है, उससे दुनिया भर की कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।

अमेरिका में महंगाई सालाना आधार पर 8.6 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स में भी तेजी आई है। फिलहाल डॉलर इंडेक्स 104 के स्तर को पार कर गया है। इसके साथ ही यूएस 10 ईयर बेंच मार्क बॉन्ड यील्ड भी 3.15 के स्तर को पार कर चुका है। जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा रुपया समेत जापानी मुद्रा येन और यूरो भी रिकॉर्ड स्तर पर नीचे गिर गए हैं।

मार्केट एनालिस्ट मयंक मोहन का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा महंगाई के अनुमान में बढ़ोतरी किए जाने की वजह से भी रुपये पर दबाव बढ़ा है और इसकी कीमत कम हो गई है। इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार में हो रही जोरदार बिकवाली और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई जोरदार तेजी के कारण भी रुपये पर दबाव बढ़ गया है।

रुपये की कमजोरी के लिए देश के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले सप्ताह आई गिरावट को भी आंशिक तौर पर एक वजह माना जा रहा है, क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से भी रुपये पर नेगेटिव प्रेशर बना है। मयंक मोहन के मुताबिक रुपये में इस सप्ताह आगे भी कमजोरी बनी रह सकती है। उनका कहना है कि अगर हालात में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ, तो रुपया डॉलर के मुकाबले 78.50 रुपये तक का स्तर भी छू सकता है।

योगिता/मुकुंद

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