राज्य : बंगाल में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर ममता बनर्जी की तस्वीर, भाजपा ने कसा तंज

कोलकाता (हि. स.)। पूरे देश में टीकाकरण के बाद जो सर्टिफिकेट मिलता है उस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर रहती है लेकिन बंगाल में वैक्सीनेशन पर ममता बनर्जी की तस्वीर वाला सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।
दरअसल टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित कोविन पोर्टल पर पंजीकरण करना पड़ता है और वैक्सीनेशन के बाद उसी पोर्टल से एक सर्टिफिकेट जनरेट होता है जिस पर प्रधानमंत्री की तस्वीर रहती है। बंगाल में भी जो लोग टीका ले रहे हैं उन्हें यह सर्टिफिकेट मिल रहा है लेकिन इसके अलावा राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग अलग से एक दूसरा सर्टिफिकेट भी जारी कर रहा है जिस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर छपी है। इसके साथ ही सीएम द्वारा महामारी से बचाव के लिए दिए गए सुझाव का जिक्र भी इस सर्टिफिकेट पर किया गया है। 
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीका लेने वाले दोनों में से किसी भी सर्टिफिकेट को लेकर दूसरे डोज के लिए आ सकते हैं। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि जब 18 से 44 साल के उम्र के लोगों के टीकाकरण का पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है तो निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री की तस्वीर सर्टिफिकेट में होनी चाहिए। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया है कि अभी तक टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया पर राज्य का 150 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। 
केंद्र और राज्य सरकारों के सर्टिफिकेट में एक अंतर है। कोविन पोर्टल से जारी होने वाले सर्टिफिकेट पर दूसरे डोज की तारीख लिखी हुई होती है लेकिन राज्य की ओर से जारी सर्टिफिकेट पर दूसरे डोज की तारीख अंकित नहीं है। इसके अलावा कोविन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री का संदेश रहता है जिस पर लिखा हुआ है दवाई भी और कड़ाई भी। जबकि राज्य स्वास्थ्य विभाग का जो सर्टिफिकेट है उस पर मुख्यमंत्री का संदेश है “सजग रहिए सुरक्षित रहिए”। 

भाजपा ने कसा तंज मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने सरकार ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर ममता की तस्वीर लगाये जाने की आलोचना की है। पार्टी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, “जब प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी थी तब ममता ने विरोध किया था और अब अपनी तस्वीर लगा कर वाहवाही लूटने में जुट गई हैं। ममता बनर्जी भारत की सबसे विफल मुख्यमंत्री हैं। अभी तक करीब डेढ़ करोड़ लोगों का टीकाकरण हुआ है जिसमें से सवा करोड़ वैक्सीन केंद्र सरकार ने भेजा है और बाकी ममता सरकार ने खरीदा है। इतने कम योगदान बावजूद अब ममता अपनी तस्वीर लगाने लगीं जो उनके दोहरे रवैए को दर्शाता है।

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