राकेश टिकैत की भाषा बता रही, वे लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
-एक किसान नेता के रूप में नहीं, विपक्ष के रूप में बात कर रहे राकेश टिकैत
– मंगलवार को बताया था ओबैसी को भाजपा का चचाजान
लखनऊ (हि.स.)। राकेश टिकैत की भाषा बता रही है कि अब वे किसान नेता नहीं, विरोधी दल के समर्थक हैं। उन्हें किसान हितों की लड़ाई कम, भाजपा को हराने की रणनीति में ज्यादा दिलचस्पी है। अभी मंगलवार को एक टीवी चैनल पर बात करते हुए उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को भाजपा का चचाजान बताया।
अब लोग यह संभावना जताने लगे हैं कि राकेश टिकैत आने वाले विधानसभा चुनाव में फिर एक बार दांव आजमा सकते हैं। इससे पहले भी एक बार वे चुनाव लड़कर अपनी जमानत जब्त करा चुके हैं। अब आगे उनकी स्थिति क्या होगी, यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन इतना तय है कि वे एक किसान नेता के रूप में नहीं, अब विपक्ष की बी-टीम के रूप में काम कर रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार विजय पांडेय का कहना है कि राकेश टिकैत की भाषा से स्पष्ट होता रहा है कि राकेश टिकैत विपक्ष की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में चुनाव आते ही वहां प्रचार करने गए और विपक्ष के लोगों ने उनकी सभा के लिए अपने आदमी भेजे। वे उसी तरह हैं, जैसे गुजरात में पाटीदार को विपक्ष लाया। कन्हैया को मोदी के खिलाफ बोलने के लिए खड़ा किया। विपक्ष खुद लड़ने में तो अक्षम है, इस कारण इस तरह के तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है।
वहीं राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का कहना है कि अब राकेश टिकैत किसानों के नेता नहीं रह गए हैं। वे विपक्ष के चहेते के रूप में देखे जा रहे हैं। उनका कहना है कि राकेश टिकैत की अब राजनीतिक महत्वाकांक्षा उजागर होती दिख रही है। वैसे भी उनकी भाषा शुरू से ही किसानों के लिए कम, आढ़तियों के लिए ज्यादा फायदेमंद दिखती थी।