मुख्यमंत्री ने बीएसएल-2 लैब का किया शुभारंभ, कहा प्रतिदिन 500 टेस्ट करें

बांदा। कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा में भी बीएसएल -2 लैब का शुभारंभ हो जाने से इसमें मंडल के चारों जनपद बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा के नमूनों की जांच होगी और अब जांच के लिए झांसी कानपुर प्रयागराज की दौड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  नव स्थापित बायोसेफ्टी लैब (लेबिल-2) का वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया।

उन्होंने इस मौके पर निर्देश दिये कि बायोसेफ्टी लैब में अच्छे टेक्नीशियन रखे जायें तथा पूल टेस्टिंग तथा तीनों सिफ्टों में कार्य कर इस लैब के माध्यम से कम से कम 500 टेस्ट प्रतिदिन करने का प्रयास किया जाए, जिससे चित्रकूटधाम मण्डल के चारों जनपदों-बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा को लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्र्रमण को प्रभावी रूप से रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायें तथा प्रतिदिन जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर वांछित कार्यवाही  करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लैब में टेस्टिंग का कार्य अति शीघ्र प्रारम्भ कर दिया जाए तथा पारदर्शी तरीके से कार्य किया जाए।
आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बांदा गौरव दयाल ने कहा कि मण्डल में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग तथाा मास्क का प्रयोग सुनिश्चित कराने के लिए लगातार प्रशासन द्वारा चेकिंग अभियान संचालित किया जा रहा है। 
अब नहीं लगानी पड़ेगी तीन जिलों की दौड़ 
बुंदेलखंड में चित्रकूट मंडल और जालौन ऐसे मेडिकन कॉलेज थे जहां इस जांच की सुविधा नहीं थी। कोरोना संक्रमण की आरटी पीसीआर जांच के नमूने झांसी, प्रयागराज और कानपुर नमूने भेजे जाते हैं इन जिलों से जांच रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं लेकिन अब जहां झांसी, कानपुर और प्रयागराज की दौड़ खत्म होगी, रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी, जिससे संक्रमित मरीजों के इलाज में तेजी आएगी। 
तीन सिफ्ट में 288 जांचे होगी
प्रधानााचार्य राजकीय मेडिकल काॅलेज बांदा डा. मुकेश यादव ने बताया कि माइक्रो बायोलाॅजी विभाग में लैब के संचालन का कार्य डा. संजय शर्मा सह आचार्य, डा. नमन काॅगारी ट्यूटर के देखरेख में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बी.एस.एल.-2 लैब में आर.टी.पी.सी.आर. के माध्यम से एक बार में 96 सेम्पलों की जांच हो सकती है और एक दिन में तीन सिफ्ट चलाकर 288 जांचे की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पूल जांच की भी सुविधा उपलब्ध है जिसमें एक बार में 05 नमूनो की जांच की सुविधा उपलब्ध है। इससे आने वाले समय में लैब की जांच क्षमता बढायी जा सकती है। डा. यादव ने बताया कि राजकीय मेडिकल काॅलेज बांदा में बी.एस.एल.-2 लैब के संचालन के लिए पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध हैं।

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