भारत के लिए आसमानी ताकत बना राफेल

   
नई दिल्ली। आखिरकार दुश्मनों को पसीना छुड़ा देने वाला फ्रांसीसी फाइटर जेट राफेल गुरुवार को भारत के लिए आसमानी ताकत बनकर भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया। इस मौके पर भारत के लड़ाकू विमानों ने राफेल के साथ फ्लाई पास्ट करके आसमान में भारत की ताकत दिखाई। सबसे पहले ताकतवर सुखोई विमान ने आसमान में गर्जना करके फ्लाई पास्ट की शुरुआत की। इसके बाद जगुआर, राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेशी तेजस एयरक्राफ्ट और सारंग एयरोबेटिक टीम ने आसमान में उड़ान भरकर शानदार एयर डिस्पले किया। 
अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान को औपचारिक तौर पर वायुसेना में शामिल करने से पहले सर्वधर्म पूजा हुई, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने भी शिरकत की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना की टीम के साथ फ्रांस जाकर पहला राफेल विमान 8 अक्टूबर, 2019 को हासिल किया था। 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमानों को पारंपरिक वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया और इसी के साथ यह फाइटर जेट वायुसेना की गौरवशाली टीम का हिस्सा बन गए। यानी अब भारतीय वायुसेना के सबसे बेहतरीन फाइटर जेट किसी भी मोर्चे पर तैनात होने के लिए तैयार हैं। एयर डिस्पले के दौरान अम्बाला एयर बेस में वन्दे मातरम् और मां तुझे सलाम के गीतों ने किसी राष्ट्रीय पर्व जैसा माहौल बना दिया। 
स्वदेशी तेजस एयरक्राफ्ट ने आसमान में करतब दिखाने के साथ ही अपनी मारक क्षमता का भी प्रदर्शन किया। गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली सारंग एयरोबेटिक टीम ने आज यहां अम्बाला एयरबेस का आसमान भी अपने करतब दिखाकर रंगीन कर दिया। डेढ़ साल तक फ्रांस में ट्रेनिंग लेने के बाद फ्रांस से उड़ाकर भारत लाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलटों को भी सेल्यूट किया गया। इसके बाद पांचों राफेल ने आसमान में अपने बाहुबल का प्रदर्शन करके हर भारतीय को गर्व से भर दिया। कार्यक्रम के आखिर में जब चील से भी खतरनाक राफेल आसमान में पहुंचे तो अपने-अपने घरों में टीवी पर कार्यक्रम देख रहे हर भारतीय का सीना इसलिए गर्व से ऊंचा हो गया कि अब दुनिया का सबसे बेहतरीन ये लड़ाकू विमान भारत की सेना का हिस्सा हैं।
दिल्ली पहुंचने पर फ्रांस की सशस्त्र सेनाओं की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। समारोह में रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डीआरडीओ के सचिव और अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधिकारी भी भारतीय वायुसेना के इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने। इसके अलावा कार्यक्रम में भारत में फ्रांस के राजदूत इमैन्युअल लेनैन, एयर जनरल एरिक एटुलेट, फ्रांस के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। फ्रांसीसी रक्षा उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी कार्यक्रम में शामिल हुआ, जिसमें राफेल जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी एरिक ट्रैपियर अध्यक्ष और एमबीआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक बेरांगर प्रमुख हैं।

क्यों दुश्मन घबराया है राफेल से  

1.    राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है। दो इंजन वाला विमान है, जिसकी भारतीय वायुसेना को लम्बे समय से दरकार थी।

2.    राफेल में हवा से हवा में मार करने वाली तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं, जिसमें मीटियोर मिसाइल, स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल हैं। अभी इसमें मीटियोर मिसाइल, स्कैल्प मिसाइल लगाई गई हैं और आने वाले दिनों में हैमर मिसाइल लगाए जाने की योजना है।

3.    राफेल लड़ाकू विमान टेक ऑफ करते ही ऊंचाई तक पहुंचने में अन्य विमानों से काफी आगे है। राफेल की ऊंचाई पर जाने की क्षमता 300 मीटर प्रति सेकंड है, जो चीन-पाकिस्तान के विमानों को भी मात देता है। यानी राफेल उड़ान भरते ही एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।   

4.  मौजूदा समय में चीन से टकराव के चलते बर्फीली पहाड़ियों वालीलद्दाख सीमा के हिसाब से राफेल लड़ाकू विमान फिट बैठता है। राफेल वह मल्टी रोल लड़ाकू विमान है और यह पहाड़ों पर कम जगह में भी उतर सकता है। इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं।

5.  एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है। इसमें हवा में ही फ्यूल भरा जा सकता है। फ्रांस से भारत आते समय भी रास्ते में फ्रांसीसी विमानों ने राफेल को हवा में ही ईंधन दिया था। 

6.    राफेल पर लगी गन एक मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल में जितना तगड़ा रडार सिस्टम है, ये 100 किलोमीटर के दायरे में एकबार में एकसाथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है.

7.    भारत को मिले राफेल लड़ाकू विमान करीब 24,500 किलोग्राम तक का भार उठाकर ले जाने के लिए सक्षम हैं और साथ ही 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान भर सकते हैं।

8.    राफेल में अभी जो मिसाइलें लगी हैं, वो सीरिया, लीबिया जैसी जगहों में इस्तेमाल हो चुकी हैं। इसके अलावा जल्द ही इजराइली स्पाइस-2000 को भी इसमें जोड़ा जाएगा। 

9.    भारतीय वायुसेना को अभी तक पांच राफेल लड़ाकू विमान मिले हैं, दूसरी खेप में चार और राफेल अक्टूबर में आने वाले हैं। 2022 तक सभी 36 विमानों की आपूर्ति किये जाने का भरोसा फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने दिया है जिन्हें अलग-अलग एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।

10.    राफेल लड़ाकू विमान अभी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं, जो चीन और पाकिस्तान सीमा के पास है। ऐसे में मौजूदा परिस्थितियों में ये बिल्कुल भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।    

11.  राफेल जेट का पहली स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ अंबाला हवाई अड्डे पर बनाई गई है जबकि दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर होगी।

12.  36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे और छह ट्रेनर होंगे। ट्रेनर विमान ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी। 

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