बीएसएफ के खिलाफ बांग्लादेश में हो रहा दुष्प्रचार, बीजीबी को कहा- घुसपैठ रोकें

कोलकाता। भारत-बांग्लादेश के बीच भले ही दोस्ताना संबंध है लेकिन सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बारे में बांग्लादेश में दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। इसके लिए बहुत हद तक बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा के लिए तैनात बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की लापरवाही जिम्मेवार है। दरअसल बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा में तैनात रहने वाले गार्ड्स की मिलीभगत और लापरवाही की वजह से बड़ी संख्या में तस्कर भारत की सीमा में अवैध तरीके से घुसपैठ करते हैं। उन्हें रोकने की कोशिश के दौरान बीएसएफ की टीम पर हमले भी करते हैं। इसलिए बचाव में बीएसएफ को फायरिंग करनी पड़ती है जिसमें तस्कर या तो घायल होते हैं या मारे जाते हैं। पिछले कई महीनों से ऐसा लगातार हो रहा है। इसे लेकर बांग्लादेश में बीएसएफ के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है। इस तरह का दुष्प्रचार किया जा रहा है कि बीएसएफ जानबूझकर बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर मार रही है। अब इस साजिश को समझते हुए बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स के साथ फ्लैग मीटिंग में दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे अपनी सीमा से भारतीय सीमा की और आने वाले तस्करों को रोकें। बीएसएफ ने कहा है कि बांग्लादेश से भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं होनी चाहिए और इसे रोकने की जिम्मेदारी बीजीबी की है। अगर वे अपनी जिम्मेदारी से चुकेंगे तो इससे दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ेगा। बांग्लादेश के अखबारों में कई बार बेबुनियाद खबरें प्रसारित की जाती है जिसके कारण वहां के लोगों में बीएसएफ के प्रति रोष उत्पन्न होता है। इसको देखते हुए बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से फ्लैग मीटिंग करके यह मुद्दा उठाया है। जानकारी के मुताबिक बीएसएफ ने बीजीबी से कहा है कि उनके देश के नागरिक खासकर मालदा के कालियाचक इलाके से लगती सीमावर्ती क्षेत्र से अवैध रूप से काफी मात्रा में हमारे देश में आ रहे हैं। उन्हें आने से रोका जाए। क्योंकि कई बार जब यह तस्करी करने के लिए हमारे जवानों पर इकट्ठे होकर हमला कर देते हैं तो हमारे जवानों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ती है। जिसकी वजह से बांग्लादेश के अखबारों में और वहां के लोगों में इसके प्रति बहुत रोष उत्पन्न होता है। तो इसलिए अच्छा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश अपने नागरिकों को रोककर रखें और उन्हें सीमा का उल्लंघन न करने दें। उल्लेखनीय है कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर पर बंगाल के पांच सीमावर्ती जिले मालदा, मुर्शिदाबाद, नदिया एवं उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले से लगने वाली भारत- बांग्लादेश की करीब 913 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली का दायित्व है।‌ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बड़े इलाके में बाड़ (तारबंदी) नहीं है और‌ इसकी सीमाएं नदियों व जंगलों से भी गुजरती हैं जिसकी सुरक्षा करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। बाड़ नहीं होने का लाभ उठाकर तस्कर बड़ी संख्या में यहां से मवेशी, मादक पदार्थ, हथियार, गहने आदि की तस्करी करते हैं जिन्हें रोकना बीएसएफ के लिए बड़ी चुनौती है।

error: Content is protected !!