बिजलीकर्मियों की हड़ताल पर सरकार की गंभीर मंत्रणा जारी, देर शाम तक बड़े फैसले की उम्मीद

 लखनऊ(हि.स.)।   बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर शासन के वरिष्ठ अधिकारी तक मंगलवार को सुबह से गंभीर मंत्रणा में लगे हुए हैं। शासन से जुड़े सूत्रों की माने तो आज देर शाम तक इस संबंध में कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार समाचार लिखे जाने वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा, मुख्य सचिव आरके तिवारी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर बैठक कर रहे हैं। इस बीच राज्य सरकार की तरफ से जनता से धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार सबको बिजली ,पर्याप्त बिजली और निर्बाध बिजली के ध्येय वाक्य पर कम कर रही है। पावर कारपोरेशन और उसके सहयोगी निगमों द्वारा उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने, अधिकतम सेवाओं को आनलाइन माध्यमों से उपलब्ध कराने व सही बिल समय पर बिल उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। 
प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में शासन, प्रशासन कोविड महामारी से जूझ रहा है। विद्युत सेवाएं आवश्यक सेवाएं हैं। इन्हें बाधित करना गैर कानूनी है। संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा जो स्थिति उत्पन्न की जा रही है वह स्वीकार्य नहीं है। शासन की तरफ से विद्युत विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों  से अपील की गई है की प्रदेश की जनता के हितों एवं विभाग के उज्जवलमय भविष्य को ध्यान में रखते हुए कार्य बहिष्कार,हड़ताल जैसी कोई कार्यवाही न करें। 
सरकार ने प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि समिति की ऐसी किसी गैर कानूनी हड़ताल और कार्य बहिष्कार का सरकार द्वारा सामना करने की स्थिति में धैर्य बनाए रखें और सहयोग करें।  
 गौरतलब है कि पावर कारपोरेशन को निजी हाथों में सौंपने के मुद्दे को लेकर प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी और अधिकारी सोमवार से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के चलते प्रदेश भर में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। इससे चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण सोमवार को राजधानी में भी कई मंत्रियों और विधायकों के आवासों की बिजली सप्लाई ठप हो गई थी।

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