बांग्लादेश सीमा पर पकड़ा गया चीनी नागरिक, ​सैन्य खुफिया ​एजेंसी भी करेगी पूछताछ

– ​बांग्लादेश का वीजा लेकर ​अवैध तरीके से भारत में आया था चीनी नागरिक ​हान जुनवे
– ​​भारत के उत्तर​-​पूर्व राज्यों की जासूसी में ​चीनी एजेंसियों की मदद ले रही है आईएसआई 
नई दिल्ली(हि.स.)​​​​​​।​ ​​भार​​त-बांग्लादेश की सीमा के पास​ गुरुवार को चीनी नागरिक को ​​​अवैध तरीके से भारत में घुसने के आरोप में बीएसएफ ने पकड़ा है​​।​​ ​​​​​​​हान जुनवे नाम ​का यह चीनी नागरिक ​​बांग्लादेश का वीजा लेकर भारत आया था​​।​​ ​उससे ​राज्य और केन्द्रीय जांच एजेंसि​यां पूछताछ ​कर रही ​हैं।​ ​इससे अलग ​​सैन्य खुफिया ​एजेंसी भी चीनी नागरिक से पूछताछ करने की तैयारी में है​।​ ​मिलिट्री इंटेलिजेन्स ने कल ही बेंगलुरु से एक अंतरराष्ट्रीय ​​​कॉल ​​एक्सचेंज को पकड़ा है​। ​इसके तार ​सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल)​ से जुड़ रहे हैं​। ​​इसकी ​​जांच में खुलासा हुआ है कि ​पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई अब ​​भारत के उत्तर​-​पूर्व राज्यों से जानकारी हासिल करने में ​​चीनी एजेंसियों की सहायता कर रही है​​​​।
​​बंगाल में माल्दा जिले के मिलिक सुल्तानपुर से पकड़े गए चीनी नागरिक ​हान जुनवे​​​ ​के पास से एक लैपटॉप, 3 मोबाइल, भारतीय, बांग्लादेशी, अमेरिकी मुद्रा, बांग्लादेशी वीजा वाला एक चीनी पासपोर्ट, कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद​ हुए हैं​। ​चीनी नागरिक से सैन्य खुफिया ​एजेंसी इसलिए अलग एंगल से जांच करना चाहती है क्योंकि कल बेंगलुरु में ध्वस्त किये गए अंतरराष्ट्रीय ​कॉल ​​एक्सचेंज की जानकारी ​​​सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) ​के एक ​हेल्पलाइन नंबर पर आई ​​संदिग्ध कॉल​ से ही मिली ​​थी​​।​ इसी के बाद एक ऑपरेशन में ​​​​मिलिट्री इंटेलिजेंस और बें​​गलुरु पुलिस (एटीसी) ने ​कल रात एक नेटवर्क ​को क्रैश किया जो​ ​अंतरराष्ट्रीय ​​कॉल को स्थानीय कॉल में बदलने का एक्सचेंज चला रहे थे​​​​। ​मिलिट्री इंटेलिजेंस ने बेंगलुरु से तमिलनाडु के तिरुपुर जिले के मूल निवासी गौतम बिन विश्वनाथन (27) और केरल के मल्लापुरम जिले के मूल निवासी इब्राहिम मुल्लाट्टी बिन मोहम्मद कुट्टी (36) को पकड़ा​ है​। ​
​दरअसल ​​​सिलीगुड़ी के एक हेल्पलाइन नंबर पर आई ​कॉल पर दूसरी तरफ के व्यक्ति ने खुद को एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी बताया और कुछ जानकारी मांगी​। यह कॉल ​मिलिट्री इंटेलिजेंस की पकड़ में आ गई, जिस पर फोन करने वाले का नाम ट्रैक किया गया।​ कॉलर आईडी पर प्रदर्शित नंबर के सहारे सैन्य खुफिया एजेंसी ने उसका विवरण और वह स्थान खोज लिया जहां से कॉल की गई थी। दिलचस्प बात यह है कि नंबर का स्थान स्थिर था लेकिन कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) ने दिखाया कि कॉल सिम एर्गो द्वारा किए गए थे।​ इससे आउटगोइंग कॉलों की संख्या ज्यादा थी लेकिन इस नंबर पर आने वाली कॉल छिटपुट थीं। इससे साबित हुआ कि कॉल मशीन का उपयोग करके की जा रही थी।​ पकड़े ​दोनों युवकों ने बीटीएम लेआउट इलाकों में 6 जगहों पर अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज बना ​रखे थे​​।​ 
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने वह 30 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किये हैं जिनमें 32 मोबाइल सिम कार्ड रखे थे​​ और विदेशी कॉलों को स्थानीय कॉलों में बदलने में मदद की थी। दोनों युवकों के पास से 900 से ज्यादा सिम कार्ड बरामद किए गए हैं​​। यह लोग बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट इलाके में रहते थे।​ इनसे पूछताछ में सैन्य खुफिया को चौंकाने वाली जानकारी मिली कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई अब भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों से जानकारी हासिल करने में चीनी एजेंसियों की सहायता कर रही है।​ चीनी एजेंसियों को ऐसे एजेंटों की जरूरत है जो अच्छी हिंदी और भारतीय भाषा की अंग्रेजी बोल सकें। गौतम और इब्राहिम को आईएसआई ने पाकिस्तान से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलों को स्थानीय कॉल में बदलने के लिए काम पर रखा था। ताकि आईएसआई की गतिविधियां भारतीय खुफिया एजेंसियों और दूरसंचार कंपनियों की चुभती निगाहों से बच सकें।

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