बलिया : ददरी मेला के सर्मथन में चलाया गया हस्ताक्षर अभियान

बलिया (हि.स.)। ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के ददरी मेला को कोरोना के मद्देनजर स्थगित किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ददरी मेले को जिले की पहचान से जोड़कर देखने वालों ने शनिवार को ‘समर्थन ददरी मेला’ नाम से हस्ताक्षर अभियान चलाया।
‘समर्थन ददरी मेला’ अभियान को लेकर जिले के युवा आगे आये हैं। विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रनेता भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। शनिवार को शहर की हृदयस्थली शहीद पार्क में दिन भर हस्ताक्षर अभियान चला। जिसमें शहर के बाशिंदों ने अपनी भागीदारी की। लोगों का कहना है कि ददरी मेले का इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा है। 
महर्षि भृगु मुनि के शिष्य दर्दर मुनि ने गंगा व सरयू के संगम पर 88 हजार ऋषियों-मुनियों को जुटाकर संत-समागम किया था। कालांतर में यह संत-समागम लोक मेला के रूप में परिवर्तित हो गया। इस मेले से हजारों लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी है। हस्ताक्षर अभियान चला रहे युवा सागर सिंह राहुल, विकास पांडेय लाला, रूपेश दूबे व अभिजीत तिवारी सत्यम आदि ने कहा कि जब नेताओं की रैलियां हो सकती हैं तो जिले की आन, बान और शान से जुड़े ददरी मेला क्यों नहीं लग सकता, जबकि मेला काफी बड़े एरिया में लगता है।
युवाओं का कहना है कि इसके लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उधर, शनिवार को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर दिन ददरी मेला को लेकर अभियान चलता रहा। समाजवादी पार्टी ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा।  
बता दें कि, जिला प्रशासन ने कोरोना का हवाला देते हुए कार्तिक पूर्णिमा स्नान को तो अनुमति दी है पर करीब महीने भर चलने वाले ददरी मेले के आयोजन को स्थगित कर दिया है, जिसके बाद से ही जिले में आक्रोश है।

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