बलरामपुर :ओवर लोडिंग से हांफ रहा उतरौला बिजली उपकेंद्र

रोहित गुप्ता
उतरौला/बलरामपुर
आठ दशक पुराना बिजली उप केंद्र ओवर लोडिंग के चलते हांफ रहा है।उप केंद्र पर स्थापित तीन फीडर स्टेशन के आधार पर संचालित किए जा रहे हैं जिससे लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।बिजली आपूर्ति में सुधार को लेकर स्थानीय समाज सेवियों व उपभोक्ताओं ने क‌ई बार उपकेंद्र का घेराव कर चुके हैं लेकिन बिजली की बदहाली जस का तस बनी हुई है।
म‌ई महीने में प्रचंड गर्मी और अघोषित बिजली कटौती ने उतरौला उपकेंद्र के करीब 20हजार से अधिक उपभोक्ताओं को हलकान कर रखा है‌।ग्रामीण इलाकों को 18घंटे बिजली देने का सरकार का दावा यहां पहुंचकर फेल हो गया है।इसका सबसे बड़ा कारण उप केंद्र की जर्जर मशीनें और तार हैं,जरा सी ओवर लोडिंग पर उपकेंद्र की मशीन हांफने लगती हैं और तारों में स्पार्किंग होने लगती है।उपकेंद्र में महुवा फीडर,चमरूपुर फीडर और श्रीदत्तगंज नाम से तीन फीडर है इस उपकेंद्र से लगभग 15 किलोमीटर के क्षेत्रफल में बिजली आपूर्ति की जाती है।लेकिन 80साल पहले बने इस पावर हाउस का हालत बेहद खस्ता हो चुकी है।बिजली की लाइनें इतनी जर्जर हैं कि हवा के हल्के झोंके को भी बर्दाश्त नहीं कर पाते और टूटकर जमीन पर गिर जाते हैं यही स्थित उपकेंद्र में स्थापित मशीनों की है।

क्षमता से अधिक लोड होने के कारण यह मशीनें अक्सर खराब हो जाती हैं मशीनों की खराबी से बचाने के लिए कर्मचारी रोस्टिंग कर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करते हैं ।बिजली कर्मियों का कहना है कि ओवरलोडिंग इतनी है कि तीनों फीडर एक साथ नही चलाया जा सकता, इसलिए एक फीडर पर कुछ देर सप्लाई देने के बाद उसे बंद कर दिया जाता है फिर दूसरे फीडर की सप्लाई बहाल की जाती है इस रोस्टिंग के कारण बिजली उपभोक्ताओं को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।उतरौला के भाजपा विधायक राम प्रताप वर्मा ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बिजली समस्या को लेकर रूपरेखा तैयार हो चुकी है कम क्षमता वाले ट्रांसफार्मर व जर्जर तारों को बदलने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है इससे लो वोल्टेज की समस्या समाप्त होगी और बिजली आपूर्ति में सुधार होगा।

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