फर्जी पुलिस कप्तान बनकर कोतवाल को लगाया फोन, पहुंचे सलाखों के पीछे

झांसी(एजेंसी)। मैं कप्तान बोल रहा हूं आप सांसद जी के खास व्यक्ति का ध्यान रखिएगा। रानीपुर चैकी इंचार्ज को भी बता दीजिएगा। कोतवाल को फोन पर मिले इस आदेश पर जब शक हुआ तो उन्होंने पुष्टि के लिए एसएसपी को फोन लगाया तो पूरे मामले की सच्चाई सामने आ गई और फोन करने वाले दोनों युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गए। 

हाल ही में देश की सबसे बड़ी तहसील कहे जाने वाले मऊरानीपुर कस्बे के कोतवाल संजय गुप्ता के सरकारी सीयूजी मोबाइल नंबर पर बीते 8 जुलाई की शाम साढ़े आठ बजे एक कॉल आई। जब कोतवाल ने फोन उठाया तो सामने वाले ने अपने आपको एसएसपी बताते हुए कहा कि रानीपुर तिगैला निवासी राजवीर सांसद जी का खास आदमी है। उसका पूरा ध्यान रखिएगा। उस समय कोतवाल के ट्रू काॅलर नंबर पर कप्तान का फोटो दर्शाया जा रहा था। फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि इस मामले में आप चौकी इंचार्ज रानीपुर को भी बता दीजिए। बातचीत के दौरान कोतवाल को सामने वाले की आवाज एसएसपी की तरह नहीं लगी। 
शक होने पर कोतवाल ने थोड़ी देर में एसएसपी से संपर्क कर स्थिति स्पष्ट करनी चाही तो एसएसपी ने कहा कि उन्होंने कोई कॉल नहीं की। इस पर कोतवाल ने खुद एसएसपी बनकर कॉल करने वाले की खोज शुरू कर दी। 10 जुलाई को दरोगा अश्वनी दीक्षित, सोनू सिंह, अमरजीत सिंह व ओमकार जब अंबेडकर चौराहे पर गश्त कर रहे थे। तभी उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि एसएसपी झांसी की फर्जी आईडी बनाकर फोन करने वाला व्यक्ति बरियाबेर तिराहे पर खड़ा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बताई गई कार को दबोच लिया। कार में दो व्यक्ति बैठे मिले। तलाशी में ग्राम निमौनी थाना उल्दन निवासी राहुल देव अहिरवार उर्फ राजू के पास से दो मोबाइल फोन तथा प्रेस के दो पहचान पत्र बरामद हुए। 
वहीं रानीपुर नई बस्ती निवासी अपिल वर्मा के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। उन्होंने बताया कि 8 जुलाई की शाम उसके मोबाइल पर एसएसपी झांसी की कॉलर आईडी बनाकर फोटो डाउनलोड किया गया। फिर कोतवाल का फोन लगाया था। बाद में वह साथी को दबदबा दिखाना चाहता था। उसने स्वीकार किया कि पहले भी कई बार ऐसे कार्यों को फोन लगाए हैं। कोतवाली पुलिस ने धारा 4,19,420 सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया है।

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