पुलिस व दुकानदार परिवार में जमकर हुआ युद्ध, चौकी प्रभारी समेत आठ घायल

डीएम ने दिया जांच का आदेश

जौनपुर। पुलिस को हफ्ता न देना एक दलित परिवार पर भारी पड़ गया। रविवार को पुलिस दलित परिवार के घर में घुसकर महिलाओं बेटियों समेत कई लोगो को लाठियों से जमकर पीटा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिले में हड़कम्प मच गया है। 
दूसरी तरफ पुलिस का आरोप है कि रविवार को लॉकडाउन होने के बाद कुछ लोग दुकाने खोलकर बैठे थे। पुलिस दुकानों को बंद कराने पहुंची तो सुअर का मांस बेचने वाला पुलिस कर्मियों से भिड़ गया। उसके घर की महिलाएं और पुरूष लाठी डण्डे, ईट पत्थर और चाकू से हमला कर दिया। इस वारदात में चौकी प्रभारी समेत चार सुरक्षा कर्मी घायल हो गये हैं। 
नेवढ़ियां थाना क्षेत्र के सीतमसराय बाजार में रविवार को पुलिस और सुअर का मांस बेचने वाले व्यापारी के बीच जमकर युद्ध हुआ। दोनो तरफ से जमकर लाठी, डण्डा, ईट पत्थर चला। इस वारदात में व्यापारी पक्ष की चार महिलाएं घायल हो गयी। उधर पुलिस के पक्ष से चौकी इंचार्ज सीतमसराय लालबहादुर यादव, एक कास्टेबल और दो होमगार्ड के जवान घायल हो गये। पीड़ित महिलाओ का आरोप है जब से लॉकडाउन लगा उस समय से पुलिस दुकान से सुअर का मांस बेचने के एवज में प्रति सप्ताह एक हजार रूपये लेती थी। इधर धंधा मंदा हो गया तो हम पैसा नहीं दे पाये। जिसके कारण आज पुलिस हमारी दुकान पर पहुंचकर मुझे और मेरी बेटियों को जमकर लाठियों से पीटा। पुलिसिया ताण्डव की शिकार महिलाएं न्याय के लिए सीधे डीएम के पास पहुंच गयी। डीएम ने उनकी पीड़ा सुनने के बाद पुलिस अधिकारियों को जांच का आदेश दिया है।
इस मामले में एसपी देहात त्रिभुवन सिंह ने बताया कि आज लॉकडाउन और मोहर्रम होने के कारण बाजार बंद था। लॉकडाउन के बाद भी सीतमसराय बाजार में कुछ लोग दुकाने खोल रखे थे। सीतमसराय के चौकी इंचार्ज लालबहादुर यादव अपनी टीम के साथ दुकाने बंद करा रहे थे। इसी बीच सुअर का मांस बेचने वाला गुड्डू सोनकर दुकान बंद न करके उल्टे पुलिस वालों से भिड़ गया। इस वारदात में चौकी प्रभारी समेत चार लोग घायल हो गये है। पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुट गयी है।

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