पायलट पर एक्शन से बढ़ा राजस्थान कांग्रेस का संकट

राज्य डेस्क

जयपुर। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद राजस्थान कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। पार्टी में जिला स्तर से लेकर प्रदेश एनएसयूआई अध्यक्ष तक कई नेताओं ने पायलट के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यू पूनियां ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। राज्य के पाली जिला से कांग्रेस प्रमुख चुन्नीलाल चड़वास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उधर, टोंक जिले में पार्टी के 59 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। एनएसयूआई के अध्यक्ष पूनियां ने कहा, ’सचिन पायलट के समर्थन में मैंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उन्हें यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। मैंने पिछले छह साल प्रदेश के युवाओं की आवाज़ सचिन पायलट के साथ काम किया है और मरते दम तक सचिन पायलट के साथ रहूंगा और उनके नेतृत्व में ही काम करूंगा। इसलिए मैं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं।’
उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान के जाट बिशनोई परिवार के मुखियाओं को जेल भेजने का काम किया हम उस मुंख्यमंत्री के साथ काम नहीं कर सकते, हमारा ईमान भी ज़िंदा है, जमीर भी ज़िंदा है। उन्होंने कहा कि यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल के करीब 400-500 पदाधिकारियों ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया है। पाली जिला कांग्रेस प्रमुख चुन्नीलाल ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा, ’’सचिन पायलट को अलोकतांत्रिक तरीके से राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाए जाने का दुख हुआ।’ गौरतलब है कि अशोक गहलोत से मतभेद को लेकर बागी रुख अख्तियार कर चुके सचिन पायलट पर मंगलवार को पार्टी ने बड़ी कार्रवाई। कांग्रेस ने उनसे उपमुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष का पद भी छीन लिया। इसके अलावा उनके गुट के दो मंत्रियों की भी गहलोत कैबिनेट से छुट्टी कर दी है।
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मतभेद के बाद सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर पार्टी के कई नेताओं ने असंतोष जाहिर किया है तो कुछ इस घटनाक्रम से काफी दुखी हैं। अधीर रंजन चौधरी, जतिन प्रसाद, प्रिया दत्त से लेकर अभिषेक मनु सिंघवी तक कई नेताओं ने अपना दुख जाहिर किया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह घटनाक्रम न सिर्फ कांग्रेस के लिए निराशाजनक है, बल्कि पार्टी के उन कार्यकर्ताओं के लिए भी है जो जमीन पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हर पार्टी कार्यकर्ता की आकांक्षा ऊंचे पदों पर पहुंचने की होती है, लेकिन इन्हें एक दायरे में होना चाहिए।
पूर्व सांसद प्रिया दत्त ने मंगलवार को कहा कि यह ’’दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी ने संभावनाओं से भरे दो बड़े युवा नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया और पायलट को खो दिया।’’ दत्त ने कहा कि वह नहीं मानती हैं कि महत्वाकांक्षी होना ’’गलत बात है। मुंबई की पूर्व सांसद ने ट्वीट किया, ’’एक और दोस्त ने पार्टी छोड़ दी। सचिन और ज्योतिरादित्य दोनों सहकर्मी थे और अच्छे दोस्त हैं। दुर्भाग्य से हमारी पार्टी ने संभावनाओं से भरे दो बड़े युवा नेताओं को खो दिया। मैं नहीं मानती कि महत्वाकांक्षी होना गलत बात है। उन्होंने मुश्किल समय में बहुत मेहनत से काम किया था।’’ मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता और एक समय गांधी परिवार के वफादार रहे सिंधिया ने इस साल मार्च में पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा कि इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि पायलट ने इतने वर्षों तक पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि चीजें अब भी सुलझ जाएंगी। प्रसाद ने ट्वीट किया, ’’सचिन पायलट मेरे मित्र हैं। इस तथ्य को कोई नकार नहीं सकता कि इतने वर्षों में उन्होंने पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया है। उम्मीद करता हूं कि हालात संभाले जा सकते हैं। दुखद है कि बात यहां तक पहुंचीं।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पायलट संवैधानिक पद पर थे और हो सकता है कि उनके कुछ कदम पद के अनुरूप नहीं रहे हों। उन्होंने कहा, ’’अगर खुले दरवाजों का रचनात्मक उपयोग नहीं होता है तो कुछ दरवाजों को बंद करना पड़ता है। हम अब भी आशा करते हैं कि विकल्पों का खत्म हो जाना एक अपवाद होगा और मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकाल लिया जाएगा।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, ’’यह घटनाक्रम दुखद है। मैं आरोप-प्रत्यारोप की बातों में नहीं पड़ना चाहता। मैं उम्मीद करता हूं कि हम इस सब चीजों के बजाय मिलकर चुनौतियों से लड़ेंगे।’’ पार्टी नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन पायलट करे भी धैर्य रखना चाहिए था और जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।’’

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