पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरु होते ही मचा घमासान, जमीन तैयार करने में जुटे उम्मीदवार

मीरजापुर। शासन से पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराए जाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद गांवों की राजनीति गरमा गयी है। प्रधान के विरोधी गांव में कराए गए विकास कार्यों की जांच कराने में जुट गए हैं। डीपीआरओ कार्यालय के मुताबिक जिले के 40 से अधिक ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों की जांच करायी जाएगी। इसके लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की जाएगी। 
आगामी पंचायत चुनाव के लिए गांवों में अभी से जमीन तैयार करने में संभावित उम्मीदवार जुट गए है। वर्तमान ग्राम प्रधान के समक्ष मजबूत दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए संभावित उम्मीदवार गांव में बीते पांच वर्ष के दौरान कराए गए विकास कार्यों के मुद्दे को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। जिले के 809 ग्राम पंचायतों में अभी तक 40 ग्राम पंचायतों के खिलाफ जांच कराने के लिए ग्रामीणों ने डीएम व डीपीआरओ कार्यालय में शिकायत की है। 
जिला पंचायत राज अधिकारी अरविंद कुमार जायसवाल की मानें तो अधिकांश गांवों में शासकीय धन का दुरूपयोग करने और विकास कार्य न कराए जाने की शिकायतें हैं। इन शिकायतों की जांच कराने के लिए डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह को पत्र लिखा है। सीडीओ के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण अभी तक तीन सदस्यीय टीम का गठन नहीं हो पाया है। जिससे जांच प्रक्रिया शुरु नहीं हो पायी है। वहीं विभिन्न गांवों के शिकायतकर्ता प्रतिदिन डीपीआरओ कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। इससे विभागीय काम काज भी प्रभावित हो रहा है।
प्रधानी का भाग्य आजमाने में प्रवासी भीकोरोना संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में दिल्ली, मुम्बई और गुजरात से लौटने वाले प्रवासी भी पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाने की फिराक में जुट गए हैं। प्रवासी युवक गांवों के अधूरे विकास कार्यों को मुद्दा बनाने में जुट गए है। छानबे ब्लाक के उंचडीह गांव निवासी एक युवक लंबे समय से मुम्बई में रहता था। वह भी गांव की राजनीति में रूची लेने लगा है। ऐसे मामले केवल उंचडीह गांव में ही नहीं बल्कि लालगंज, हलिया, पटेहरा व राजगढ़ ब्लाकों के विभिन्न गांवों में भी यही स्थिति है।

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